उत्तराखंड

उत्तराखंड में मॉनसून की दस्तक, पुलिस ने कसी कमर, आपदा प्रभावित क्षेत्र में तैनात की गई SDRF की टीमें

Gulabi Jagat
18 Jun 2022 12:37 PM GMT
उत्तराखंड में मॉनसून की दस्तक, पुलिस ने कसी कमर, आपदा प्रभावित क्षेत्र में तैनात की गई SDRF की टीमें
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उत्तराखंड में मॉनसून की दस्तक
देहरादून: उत्तराखंड में जल्द ही मॉनसून दस्तक देने वाला है. उत्तराखंड में मॉनसून अपने साथ भारी तबाही भी लाता है. हर साल मॉनसून में उत्तराखंड में जानमाल का बड़ा नुकसान होता है. लिहाजा, मॉनसून के दौरान होने वाली तबाही को कम करने के लिए पुलिस अभी से तैयारियों में जुट गई है. ऐसे में संभावित आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों के लिए इस बार एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) की टुकड़ियां बढ़ाई गई है.
उत्तराखंड में प्री मॉनसून दस्तक दे चुका है. जून का आखिर तक पूर्ण रूप से मॉनसून भी दस्तक दे देगा. मॉनसून के दौरान उत्तराखंड को भारी बारिश, बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन (लैंडस्लाइ़ड) जैसे समस्याओं से जूझना पड़ता है. सबसे ज्यादा समस्या उत्तराखंड चारधाम यात्रा मार्ग पर देखने को मिलती है. भूस्खलन के कारण बीच रास्ते में वाहन फंसे रहते हैं. कई बार लोगों की जान पर बन आती है. ऐसे हालत में एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) आपदा में फंसे लोगों के लिए देवदूत बनकर आती है.
गढ़वाल डीआईजी करन सिंह नगन्याल ने बताया कि चारधाम यात्रा मार्ग और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव दल की संख्या बीते सालों की तुलना में बढ़ाई गई है. इस बार एसडीआरएफ की 23 टीमों के साथ-साथ विशेष तौर पर बाढ़ राहत दल की पूरी एक कंपनी बचाव दल के रूप में तैनात की गई है. वहीं, गैरसैंण में भी पूरी एक टुकड़ी का दस्ता एसडीआरएफ राहत एवं बचाव दल के रूप में पहले से ही तैनात किया गया है. ताकि समय रहते विगत वर्षों के अनुभव के अनुसार प्राकृतिक आपदा के समय राहत बचाव रिस्पांस टाइम को कम किया जा सके.
डीआईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल के मुताबिक, प्राकृतिक आपदा से निपटने का कार्य एक टीम वर्क है. ऐसे में पुलिस, स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग और स्थानीय प्रशासन आपसी समन्वय बनाकर इस तरह की परिस्थितियों से बेहतर निपटा जा सकता है. चारधाम यात्रा मार्ग पर चुनौतियां: डीआईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल ने बताया कि मॉनसून के समय रेगुलर पुलिस को चारधाम पड़ावों से नीचे उतारा जाएगा. मौसम विभाग के अनुसार, आगामी 25 जून से 30 जून के बीच राज्य में मॉनसून प्रारंभ हो जाएगा. ऐसे में चारधाम यात्रा प्रभावित होना स्वभाविक है. पर्वतीय इलाकों में बारिश और बर्फबारी के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा के दृष्टिगत जुलाई और अगस्त माह में चारधाम यात्रा मुख्य तौर पर प्रभावित होती है. ऐसे में मैदान इलाकों से चारधाम यात्रा मार्ग पर तैनात की गई रेगुलर पुलिस को चारधाम पड़ावों से नीचे उतारा जाएगा. ताकि मैदानी जनपदों में सुरक्षा कानून व्यवस्था के दृष्टिगत पुलिसिंग तंत्र का संतुलन बहाल किया जा सके.
अलर्ट पर टीमें: डीआईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल ने बताया कि मॉनसून की दस्तक से पहले ही संभावित आपदा प्रभावित क्षेत्रों और चारधाम यात्रा मार्गों पर 23 टुकड़ियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. पहली बार बाढ़ राहत दल के रूप में पूरी एक कंपनी प्रशिक्षित जवानों की संभावित स्थानों में तैनाती की गई है. पूरे गढ़वाल परिक्षेत्र में प्राकृतिक आपदा की संभावनाओं को देखते हुए चिकित्सकों की व्यवस्था और एंबुलेंस को आपातकाल सेवा के रूप में जगह-जगह तैनात किया जा रहा है, ताकि किसी भी इमरजेंसी के समय रहते जान माल के नुकसान को कम किया जा सके. डीआईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल ने बताया कि पुलिस अन्य विभाग के साथ समन्वय बनाकर आपदा की चुनौतियों से लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है. पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है. पुलिस की कोशिश यही रहेगी कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जल्द से जल्द राहत एवं बचाव दल को पहुंचाया जाए
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