उत्तराखंड

उत्तराखंड एसटीएफ का करीब 15 दिनों तक चला मिशन साउथ इंडिया ऑपरेशन हुआ सफल, 50 हजार का इनामी बदमाश सहित तीन अरेस्ट

Gulabi Jagat
15 Jun 2022 2:24 PM GMT
उत्तराखंड एसटीएफ का करीब 15 दिनों तक चला मिशन साउथ इंडिया ऑपरेशन हुआ सफल, 50 हजार का इनामी बदमाश सहित तीन अरेस्ट
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उत्तराखंड न्यूज
देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ (उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स) को बड़ी कामयाबी मिली है. उत्तराखंड एसटीएफ ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से तीन कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जो लंबे समय से साउथ छिपकर बैठे हुए थे. तीन अपराधियों को पकड़ने के लिए उत्तराखंड एसटीएफ ने 15 पहले मिशन साउथ इंडिया ऑपरेशन चलाया था. इन दिनों बदमाशों को अपनी गिरफ्त में लाने के लिए उत्तराखंड एसटीएफ को काफी पापड़ बेलने पड़े.
उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक तीनों अपराधियों को तेलंगाना पकड़ने गई टीम को पहला अपना भेष बदलना पड़ा. उत्तराखंड एसटीएफ की टीम को दिखाना पड़ा है कि वे तेलंगाना के स्थानीय निवासी हैं. इसके बाद टीम ने अपना जाल बिछाया और 50 हजार के इनामी बदमाश वसीम को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा से गिरफ्तार, जबकि सलमान एवं रुबीना को राजेन्द्रनगर (तेलंगाना) से अरेस्ट किया. पहले पुलिस को दे दिया था चकमा: बता दें कि उत्तराखंड एसटीएफ को दिसंबर 2021 में भी वसीम के तेलंगाना में छुपे होने की सूचना मिली थी, तब उत्तराखंड एसटीएफ की एक टीम वसीम को गिरफ्तार करने तेलंगाना गई थी, लेकिन 21 दिसंबर 2021 वसीम उत्तराखंड एसटीएफ और स्थानीय लोगों की चकमा देकर फरार हो गया था. वसीम ने पुलिस से बचने के लिए तब पुलिस की आंखों में मिर्ची भी डाली थी. तभी से उत्तराखंड एसटीएफ वसीम, उसकी पत्नी रुबानी व गिरोह के मुख्य सदस्य वांटेड सलमान की तलाश में जुटी हुई थी, जो उत्तराखंड एसटीएफ के लिए एक बड़ी चुनौती थी. वसीम को उत्तराखंड पुलिस ने 50 हजार को इनमा बदमाश घोषित किया था.
वसीम का आपराधिक इतिहास: उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि वसीम पर रुड़की शहर के गंगनगर थाने और यूपी के मुजफ्फरनगर जिले कई थानों में करीब दर्जनभर संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. वसीम ने 20 दिसंबर 2019 हरिद्वार जिले के गंगनहर कोतवाली क्षेत्र में कोर्ट के बाहर गोली मारकर हत्या की थी. वहीं, 2019 में ही मुजफ्फरनगर जिले के एक थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज है. उत्तराखंड एसटीएफ ने इन तीनों आपरधियों को पकड़ने के लिए मिशन साउथ इंडिया ऑपरेशन चलाया था. उत्तराखंड एसटीएफ के मुताबिक उनकी टीम ने वसीम और उसके साथियों को पकड़ने के लिए लंबा-चौड़ा जाल बुना था. करीब 15 दिनों तक उत्तराखंड एसटीएफ के अधिकारी और जवान उसे एरिया में भेष बदलकर घूम रहे थे, जहां उन्हें वसीम और उसके साथियों के होने की सूचना मिली थी. टीम के सदस्यों ने कई बार बुर्का पहनकर भी इलाके की रेकी की.
एसटीएफ की चुनौती: इन तीनों अपराधियों को पकड़ा उत्तराखंड एसटीएफ के सामने बड़ी चुनौती थी. क्योंकि तीनों बदमाश लगातार अपनी लोकेशन बदल रहे थे. साथ उत्तराखंड एसटीएफ के सामने सबसे बड़ी मुश्किल भाषा की थी. उत्तराखंड एसटीएफ ने उत्तराखंड से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश का करीब 5 हजार किमी का सफर लोकल पुलिस की तरह रोड से किया. ताकि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में किसी को भी उन पर शक न हो.
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