उत्तराखंड

भारी पड़ी दागी एजेंसियों पर मेहरबानी, पेपर लीक मामले में आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी सस्पेंड

Renuka Sahu
2 Sep 2022 1:29 AM GMT
Mercy on heavily tainted agencies, Santosh Badoni, former secretary of the commission suspended in the paper leak case
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फाइल फोटो

भर्तियों को लेकर मचे बवंडर के बीच सरकार ने गुरुवार देर रात बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के निवर्तमान सचिव संतोष बडोनी को निलंबित कर दिया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भर्तियों को लेकर मचे बवंडर के बीच सरकार ने गुरुवार देर रात बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के निवर्तमान सचिव संतोष बडोनी को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। संतोष बडोनी को सरकार ने कुछ दिन पहले आयोग के सचिव पद से हटा दिया था।

मानी जा रहा है बड़ी कार्रवाई
सचिव सचिवालय प्रशासन विनोद कुमार सुमन की ओर से गुरुवार को देर रात बडोनी के निलंबन का आदेश जारी किया गया। निलंबन अवधि में बडोनी सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंध संस्थान कार्यालय में अटैच रहेंगे। भर्ती घोटाले में इसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है।
अब तक 31 लोग हो चुके हैं गिरफ्तार
आयोग पर हुई पहली कार्रवाई भर्ती घोटाले में सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अफसर पर पहली बड़ी कार्रवाई की। अभी तक भर्ती घोटाले में एसटीएफ करीब 31 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन आयोग के अफसरों पर कोई सीधी कार्रवाई नहीं हुई थी।
तत्कालीन अध्यक्ष ने दे दिया था इस्तीफा
तत्कालीन अध्यक्ष एस. राजू घपलों के सामने आते ही इस्तीफा देकर किनारे हो गए थे। सभी अफसर एक-दूसरे के पाले में गेंद उछालकर अपने को बचाने में जुटे हुए थे।
क्षमता पर उठे सवाल
आयोग में अभी तक सचिव का जिम्मा सचिवालय के संयुक्त सचिवों के पास रहा। आयोग के गठन से लेकर अभी तक इन सभी सचिवों की कार्य क्षमता पर सवाल उठते रहे हैं। कोई भी सचिव अपना कौशल साबित नहीं कर पाया। इसी के चलते अब सचिव पद पर आईएएस और पीसीएस अफसरों को तैनात करने की मांग उठने लगी है।
सरकार ने मानी आयोग की गलती
सरकार ने बडोनी पर कार्रवाई कर भर्ती घपले में आयोग की गलती को मान लिया है। सरकार की कार्रवाई से साफ हो गया है कि भर्ती घोटाले में आयोग के अफसरों की भूमिका संदिग्ध रही। एजेंसी के चयन से लेकर पेपर की सुरक्षा समेत परीक्षा की पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने में आयोग के अफसर पूरी तरह फेल रहे।
भारी पड़ी एजेंसी पर मेहरबानी
आयोग के पूर्व अफसरों को दागी एजेंसी पर मेहरबानी भारी पड़ी। एजेंसी पर सवाल उठने और पेपर लीक मामले में संलिप्तता पाए जाने के बाद भी अफसरों ने कार्रवाई नहीं की। एजेंसी से जुड़े लोगों के हिरासत में आने के बाद भी अफसरों ने कार्रवाई से परहेज किया।
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