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किशनगढ़। उत्तराखंड में बीएएमएस की फर्जी डिग्री बेचकर डॉॅक्टर बना रहे गिरोह के सरगना को शुक्रवार रात किशनगढ़ स्थित होटल से गिरफ्तार किया गया। गिरोह पर राजस्थान सहित कई राज्यों के विश्वविद्यालयों की फर्जी डिग्री बनाने का भी आरोप है। उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स व मदनगंज थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए फरारी काट रहे सरगना इमलाख को पकड़ने में सफलता हासिल की। आरोपी इमलाख मुजफ्फरनगर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर होने के साथ ही कई मेडिकल डिग्री कॉलेज का मालिक भी है। उस पर 25 हजार रूपए का इनाम भी घोषित है। उत्तराखंड एसटीएफ के अनुसार गत 10 जनवरी को देहरादून एसटीएफ ने बीएएमएस की मूल डिग्री फर्जी होने के आरोप में आयुर्वेदिक चिकित्सक प्रीतम सिंह व मनीष को गिरफ्तार किया था। उन्होंने पूछताछ में बताया कि यह फर्जी डिग्री बाबा ग्रुप आफ कॉलेज, मुजफ्फरनगर के मालिक इम्लाख व इमरान ने दी है। जिस पर कार्रवाई करते हुए इमरान को पुलिस ने कॉलेज से ही गिरफ्तार करते हुए कई राज्यों की यूनिवर्सिटी की फर्जी ब्लैंक डिग्रियां, फर्जी मुद्राएं, फर्जी पेपर व अन्य कूटरचित दस्तावेज बरामद किए। गिरोह का मुख्य सरगना शेरपुर, थाना मुजफ्फरनगर निवासी इमलाख पुत्र मोहम्मद इलियास मौके से फरार हो गया। जिसकी तलाश की जा रही थी। इसी दौरान एसटीएफ टीम को इमलाख के जयपुर क्षेत्र में होने की जानकारी मिली। जिस पर मदनगंज थाना पुलिस को फोटो भेजकर अभियुक्त को तलाशने की कहा गया। जिस कर मदनगंज थाना पुलिस ने अलर्ट होते हुए किशनगढ़ स्थित सभी होटलों में दबिश देना शुरू किया। इसी दौरान गत 2 फरवरी को मुखबिर की सूचना एवं टेक्निकल सपोर्ट से रात्रि में सरगना इमलाख को किशनगढ़ स्थित एक होटल से धर दबोचा।
जिसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उत्तराखंड एसटीएफ आरोपी को लेकर मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गई। पूछताछ के दौरान सरगना इमलाख ने बताया कि उसके द्वारा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश में सैकड़ों लोगों को पैसे लेकर फर्जी डिग्री दी गई है। एसटीएफ उत्तराखंड के अनुसार अभियुक्त ने बताया कि 2008 से फर्जी मार्कशीट बनाने का कार्य किया जा रहा है। जिसमें कर्नाटक राजीव गांधी यूनिवर्सिटी, बिहार बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी मुजफ्फरपुर बिहार, गीतांजलि यूनिवर्सिटी राजस्थान, जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी राजस्थान, मगध यूनिवर्सिटी बिहार व पंडित भगवतदयाल यूनिवर्सिटी रोहतक की फर्जी डिग्रियां बनाकर दी हंै। आरोपी ने बीएएमएस की करीब 100 से 150, एमबीबीएस की एक, डी फार्मा की करीब 40 से 50, हाईस्कूल की मार्कशीट करीब सौ से डेढ़ सौ, इंटर की मार्कशीट करीब 100 से 150 लोगों को पैसे लेकर फर्जी डिग्री बेचना कबूल किया है। अभियुक्त इमलाख बाबा ग्रुप आफ कॉलेज, मुजफ्फरनगर का मालिक है। उसके विरुद्ध फर्जी डिग्री दिलवाने के कई आपराधिक मामले दर्ज है। इसे यूपी का सबसे बड़ा शिक्षा माफिया कहा जाता है। इसके साथ ही यह मुजफ्फरनगर का हिस्ट्रीशीटर है। जिसके विरुद्ध धोखाधड़ी, मारपीट व बलवे के कुल 12 आपराधिक मामले दर्ज है। पुलिस गिरफ्त में आया इम्लाख मुजफ्फरनगर में कई मेडिकल कॉलेज व हाई स्कूल का मालिक है। पूछताछ के दौरान सरगना ने बताया कि 2009 में बाबा चैरिटेबल ट्रस्ट मुजफ्फरनगर से ट्रस्ट बनाया गया था। इसके बाद 2011 से बाबा मेडिकल कॉलेज मुजफ्फरनगर, बाबा इंस्टिट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, बाबा हाई स्कूल बरला, बाबा डिग्री कॉलेज बरला आदि का संचालन उसके द्वारा ही किया जा रहा है।
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Shantanu Roy
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