उत्तराखंड

देवभूमि उत्तराखंड में बाल लिंगानुपात में हुआ व्यापक सुधार: स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2020-21 की रिपोर्ट

Admin Delhi 1
29 Sep 2022 8:43 AM GMT
देवभूमि उत्तराखंड में बाल लिंगानुपात में हुआ व्यापक सुधार: स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2020-21 की रिपोर्ट
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हल्द्वानी न्यूज़: पांचवें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2020-21 की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में बाल लिंगानुपात में व्यापक सुधार हुआ है। जनपद अल्मोड़ा में 1000 बालकों के मुकाबले 1444 बालिकाओं ने, तो नैनीताल में 1136 और ऊधमसिंह नगर में 1022 बालिकाएं पैदा हुईं हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के अनुसार, राज्य में 0-05 आयु वर्ग तक के बच्चों का लिंगानुपात 984 दर्ज किया गया, जोकि विगत वर्षों के मुकाबले बढ़ा है। सुधार के लिये विभाग ने लाभार्थियों को विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ पहुंचाया। गर्भ में भ्रूण के लिंग परीक्षण पर सख्ती से रोक लगाई है। वर्तमान में सूबे में 90 फीसदी संस्थागत प्रसव किये जा रहे हैं, जिनको शतप्रतिशत करने का प्रयास किया जा रहा है।

यह कहती है रिपोर्ट: राज्य में प्रति 1000 बालकों पर 984 बालिकाएं जन्म ले रही हैं। अल्मोड़ा, चमोली, नैनीताल, पौड़ी व ऊधमसिंह नगर में बालकों की तुलना में अधिक बालिकाओं का जन्म हुआ है।

कहां कितनी बालिकाओं ने लिया जन्म: जनपद अल्मोड़ा में 1000 बालकों के मुकाबले 1444 बालिकाओं ने जन्म लिया। नैनीताल में 1136, ऊधमसिंह नगर में 1022, चमोली में 1026 तो पौड़ी में 1065 बालिकाएं पैदा हुईं। पिथौरागढ़ में 911, बागेश्वर में 940, चम्पावत में 926, देहरादून में 823, हरिद्वार में 985, रुद्रप्रयाग में 958, टिहरी में 866 व उत्तरकाशी में 869 बालिकाओं ने जन्म लिया, जो कि राष्ट्रीय औसत 929 के मुकाबले कहीं अधिक है।

यह बड़ी उपलब्धि: स्वास्थ्य मंत्री: स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रावत इसे राज्य सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते कहते हैं कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार विभिन्न पहलुओं पर काम कर रही है। बाल लिंगानुपात लगातार बेहतर करने के लिए विभाग द्वारा जनजागरूकता अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान व अभिभावकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण समिति स्तर पर भ्रूण जांच व पीसीपीएनडीटी अधिनियम की जानकारी दी जा रही हैं।

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