उत्तराखंड

नाबालिग से दुष्कर्म में शादीशुदा युवक को 10 साल की कैद

Admin Delhi 1
30 May 2023 5:26 AM GMT
नाबालिग से दुष्कर्म में शादीशुदा युवक को 10 साल की कैद
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हरिद्वार न्यूज़: 13 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म के मामले में एडीजे/एफटीएससी न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी ने आरोपी युवक को दोषी पाया है. विचारण कोर्ट ने दोषी युवक को 10 वर्ष की कठोर कैद और एक लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है. दोषी घटना शादीशुदा और एक पुत्र का पिता है. घटना के समय दोषी अपने जीजा के घर पर रह रहा था. वहीं पड़ोस में पीड़िता का घर है.

शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र चौहान ने बताया कि 20 सितंबर 2014 को कनखल क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर होटल में ले जाकर दुष्कर्म किया गया था. पीड़ित लड़की के अश्लील फोटो भी खींचे गए थे. वर्ष 2014 से 2018 तक फोटो वायरल करने और उसके परिजनों की हत्या करने की धमकी देकर दुष्कर्म किया. काफी परेशान और तंग होकर पीड़िता ने अपनी माता को सारी आपबीती बताई थी. पिता ने कनखल पुलिस में आरोपी अमित पुत्र छोटे लाल निवासी कनखल के खिलाफ कई बार दुष्कर्म व जान से मारने की धमकी देने व पॉक्सो एक्ट का केस दर्ज कराया था. जिसपर पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. मामले की विवेचना के बाद विवेचक ने आरोपी युवक के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. शासकीय अधिवक्ता ने सरकार की ओर से 10 गवाह पेश किए. जबकि बचाव पक्ष ने एक गवाह पेश किए.

छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा विशेष कोर्ट ने दोषी युवक को एक लाख रुपये के अर्थदंड भुगतने की सजा भी सुनाई है. अर्थदंड की राशि जमा नहीं करने पर उसे छह माह के अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए हैं.

अश्लील फोटो वायरल करने की धमकी दी

पीड़ित लड़की ने बताया था कि आरोपी युवक ने उसे रिवाल्वर से परिजनों को जान से मारने व उसकी अश्लील फोटो वायरल करने की धमकी दी हुई थी. जिसके डर से अपने परिजनों को घटना के बारे में नही बताया. यही नहीं, आरोपी युवक ने पीड़िता की हॉस्टल वार्डन के साथ भी दुर्व्यवहार किया था.

पीड़िता को आर्थिक सहायता देने के आदेश

विशेष कोर्ट ने पीड़िता के लिए बतौर प्रतिकर राशि के रूप में उचित आर्थिक सहायता निर्भया फण्ड से देने के आदेश दिए हैं. साथ ही उक्त निर्णय की एक प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में भेजने और पीड़िता को उचित निर्धारण आर्थिक सहायता दिलाने के निर्देश दिए हैं.

दुष्कर्म मामले में नरमी नहीं

विचारण कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि पीड़ित लड़की के प्रति दुष्कर्म व लैंगिक हमला एक गंभीर प्रवृति का अपराध है. जो पीड़ित के शारीरिक, मानसिक स्वास्थ्य, शैक्षिक, नैतिक, सामाजिक व भावात्मक विकास के लिए हानिकारक है.

चार साल के बाद केस

वर्ष 2014 से आरोपी युवक पीड़िता का शारिरिक व मानसिक शोषण कर रहा था. स्कूल व हॉस्टल में उच्च शिक्षा के दौरान रहने पर भी आरोपी पीड़िता से डरा धमकाकर दुष्कर्म करने व फोटो वायरल करने की धमकी देता रहा है.

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