उत्तराखंड

टिहरी में सड़क धंसने से खतरे की जद में कई मकान

Admin Delhi 1
12 July 2023 12:42 PM GMT
टिहरी में सड़क धंसने से खतरे की जद में कई मकान
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उत्तराखंड न्यूज: उत्तराखंड में लगातार बारिश का कहर जारी है। इस बार उत्तराखंडवासियों पर बारिश आफत बनकर टूट रही है। बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं तो भूस्खलन से कई लोग बेघर भी हो गए हैं। लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में रात गुजारनी पड़ रही है। टिहरी के छेरदानू में छह परिवार मार्ग धंसने से खतरे की जद में आ गए। खतरे को देखते हुए उन्हें स्कूल में शिफ्ट कराया गया है। दरअसल, तेज बारिश के कारण प्रतापनगर विधानसभा के अंतर्गत भेलुन्ता-हलेत-देवल मोटर मार्ग के छेरदानू के पास सड़क धंसने से छह परिवार खतरे की जद में आ गए। जिसके चलते गांव के 6 परिवारों के 30 लोगों को स्कूल में शिफ्ट किया गया है।

ग्राम प्रधान दिनेश जोशी ने बताया कि, पीएमजीएसवाई को सड़क के बारे में कई बार बताया गया था। लेकिन, अधिकारियों ने उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। जिसका खामियाजा आज गांव के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। तेज बारिश के चलते सड़क धंस गई, जिससे 6 परिवारों के मकान खतरे की जद में आ गए। हालांकि, प्रभावित परिवारों को सुरक्षा के लिहाज से गांव के ही एक स्कूल में शिफ्ट किया गया है। गौर हो कि तेज बारिश के चलते प्रतापनगर विधानसभा के अंतर्गत भेलुन्ता-हलेत- देवल मोटर मार्ग छेरदानू के समीप धंसने से छह परिवार खतरे की जद में आ गए हैं.

जिसके चलते निकटवर्ती गांव के 6 परिवारों के 30 लोगों को खतरे को देखते हुए स्कूल में शिफ्ट किया गया है. ग्राम प्रधान दिनेश जोशी ने कहा कि पीएमजीएसवाई को इस सड़क की दशा के बारे में कई बार बता दिया गया था. लेकिन पीएमजीएसवाई के अधिकारियों ने उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लिया, जिसका खामियाजा आज गांव के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है. तेज बारिश के चलते सड़क धंस गई, जिससे 6 परिवारों के मकान खतरे की जद में आ गए.

प्रभावित परिवारों को सुरक्षा के लिहाज से गांव के ही स्कूल में शिफ्ट किया गया है. बता दें कि प्रदेश में बारिश लोगों पर आफत बनकर टूट रही है. कई जगहों पर भूस्खलन से लोगों के घर खतरे की जद में आ गए हैं. जिसके बाद लोगों को अपने आशियाने छोड़कर अन्यत्र शरण लेनी पड़ रही है. बीते दिन पिथौरागढ़ के धारचूला में भूस्खलन से एक मकान जमींदोज हो गया और कई घरों को खतरा पैदा हो गया. कमोवेश पहाड़ों पर कई स्थानों पर ऐसी स्थिति बनी हुई है.

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