
मॉनसून ने उत्तराखंड के कई हिस्सों में परेशानी बढ़ा दी है. खास तौर से यात्रियों की मुसीबत बढ़ी हुई है. अमरनाथ यात्रा पर उत्तराखंड से जो लोग गए थे, वो वहां बादल फटने से बने हालात में फंस गए हैं. वहां फंसे उत्तराखंडी यात्रियों की वापसी के इंतज़ाम किए जा रहे हैं, तो यहां चमोली, पिथौरागढ़, नैनीताल और बागेश्वर समेत कई ज़िलों में दर्जनों रास्ते बाधित हो जाने के कारण कई यात्री जगह जगह फंसे हुए हैं. इस बीच पौड़ी व नैनीताल में बहुत भारी बारिश का अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया हुआ है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अमरनाथ में फंसे हुए उत्तराखंड के लोगों की सुरक्षित वापसी की सभी कोशिशें की जा रही हैं. समाचार एजेंसी एएनआई ने धामी का बयान ट्वीट करते हुए कहा, 'मैंने केंद्रीय गृह मंत्री और एलजी मनोज सिन्हा से रेस्क्यू के लिए सभी संभव प्रयास किए जाने की गुज़ारिश की है.' अमरनाथ में बादल फटने की घटना के बाद इधर, उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है क्योंकि पहाड़ों में नदियों का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है.
कहां कौन सी नदियां उफान पर हैं?
पहाड़ों में हो रही बारिश के बाद अब नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. चमोली ज़िले में अलकनंदा, धौली, पिंडर और नंदिनी नदियां उफन रही हैं तो मैदानी इलाकों पर खतरा मंडरा रहा है. ऊंचे हिमालयी क्षेत्रों में तेजी के साथ ग्लेशियर भी पिघल रहे हैं. टिहरी में बालगंगा तो बागेश्वर में सरयू और गोमती नदियां उफान पर हैं. अल्मोड़ा के कोसी बैराज से पानी छोड़े जाने पर नैनीताल पुलिस ने खैरना गरमपानी में मुनादी कर दी है कि लोग नदी के पास न जाएं. हल्द्वानी समेत ज़िले में कई जगह सड़कों पर नदियों, नहरों का पानी बहने लगा है.