उत्तराखंड

40 साल में पहली बार ओखलढूंगा गांव पहुंचे मंडी अधिकारी

Rani Sahu
31 Aug 2022 5:26 PM GMT
40 साल में पहली बार ओखलढूंगा गांव पहुंचे मंडी अधिकारी
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भीमताल के ओखलढूंगा गांव में मंडी के अधिकारी 40 साल में पहली बार किसानों की समस्याएं सुनने पहुंचे तो वहां ग्रामीणों का मेला लग गया
हल्द्वानी, भीमताल के ओखलढूंगा गांव में मंडी के अधिकारी 40 साल में पहली बार किसानों की समस्याएं सुनने पहुंचे तो वहां ग्रामीणों का मेला लग गया। किसानों का कहना है कि अब कृषि के क्षेत्र में जरूर कोई बेहतर सुधार और उन्नति की उम्मीद लगाई जा सकती है। उन्होंने कई सुझाव भी अधिकारियों के सामने रखे।
कृषक गोष्ठी में किसानों ने कहा कि 1982 के बाद पहली बार मंडी अधिकारी गोष्ठी को पहुंचे हैं। किसान दीवान सिंह, मोहन सिंह ने 100 छोटी जोत वाले कृषक की खेती को फाइनेंस करने की मांग उठाई। मोहन, आन सिंह, पप्पू सिंह, कृष्णा सिंह ने आढ़तियों द्वारा उपज का छह आर वाउचर नहीं दिए जाने की बात कही।
महिला किसान जयंती देवी, पूरन सिंह ने व्यापारी और क्रेता के लेनदेन को पारदर्शी करने, भीम सिंह, दीवान सिंह ने मंडी के भीतर लगने वाले जाम से निजात दिलाने, दूसरी नई मंडी बनाने की मांग रखी। गंगा सिंह, हेमचंद्र, चंद्रा देवी ने दूसरी पार्किंग स्थल, नई हाईटेक मंडी बनाने की मांग की। फल संग्रह केंद्र, सीसी मार्ग, रोपवे का निर्माण करने की गई। प्रयाग, भगवान सिंह, हेमा देवी, नंदन सिंह ने योजनाओं में समयावधि बढ़ाने की मांग की।
योजनाओं के प्रति किया गया जागरुक
गोष्ठी के दौरान मंडी से जुड़ीं योजनाओं की जानकारियां किसानों को दी गईं। मंडी सचिव दिग्विजय सिंह देव ने व्यक्तिगत दुर्घटना सहायता, छात्रवृत्ति योजना आकर्षक उत्पादक सहायता योजना के बारे में बताया। मंडी पर्यवेक्षक कैलाश तिवारी ने कृषक विश्राम गृह और मंडी द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में चल रही योजनाओं के बारे में बताया।
गोष्ठी का संचालन मंडी निरीक्षक भुवन गोस्वामी ने किया। ई-नाम विशेषज्ञ मनमोहन तिवारी ने ई-नाम योजनाओं की जानकारी दी। गोष्ठी के दौरान 19 शिकायतों में आठ का निस्तारण किया गया, 11 अन्य विभागों की होने पर उन्हें खारिज कर दिया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान मोहन सिंह, अध्यक्षता जनप्रतिनिधि गंगा सिंह ने की। सोसाइटी के लेखाकार विपिन चंद्र भट्ट, अध्यक्ष गंगा सिंह डायरेक्टर दीवान सिंह, ग्राम प्रधान बीडीसी सदस्य चंद्रा देवी मौजूद रहीं।

अमृत विचार।

Rani Sahu

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