उत्तराखंड

Uttarakhand में होगी मखाना की खेती, आगामी बजट में आएगी योजना

Tara Tandi
6 Feb 2025 2:12 PM GMT
Uttarakhand में होगी मखाना की खेती, आगामी बजट में आएगी योजना
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Uttarakhand उत्तराखंड: कृषि मंत्री गणेश जोशी ने गुरुवार को हाउस आफ हिमालयाज के उत्पादों को बढ़ावा देने के संबंध में समीक्षा बैठक की. बैठक में मंत्री ने उत्तराखंड में मखाना की खेती बढ़ाने के भी निर्देश दिए हैं.
प्रमुख स्थानों में खोले जाएंगे हाउस ऑफ हिमालयाज के स्टोर रूम
प्रदेश के ब्रांड हाउस ऑफ़ हिमालयाज की ब्रांडिंग इन्वेस्टर्स समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा की गई थी. आज देश ही नहीं विदेशों में भी इसके उत्पादों की मांग हो रही है. उत्पादन और इसकी गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए आज सहकारिता, ग्राम्य विकास और कृषि विभाग की सम्मिलित बैठक की गई. बैठक में जल्द ही राज्य के प्रमुख स्थानों और पर्यटक स्थलों, जहां पर्यटक ज्यादा संख्या में पहुंचते हैं वहां हाउस ऑफ हिमालयाज के स्टोर रूम खोले जाएंगे.
मखाना की खेती के दिए निर्देश
मंत्री ने हरिद्वार और उधम सिंह नगर में अमृत सरोवर योजना के तहत बन रहे सरोवरों में मखाना की खेती को बढ़ावा देने और सिंघाड़ा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए. मंत्री ने कहा कि आगामी बजट में सिंघाड़े और मखाने की खेती को बढ़ावा देने के लिए व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने प्रदेश में फ्लोरीकल्चर को बढ़ावा देने पर भी जोर देते हुए कहा कि प्रदेश के 93 ऑर्चर्ड (गार्डन) में भी फूलों की खेती की जाए.
हार्टी टूरिज्म को बढ़ाने के लिए तैयार हो कार्य योजना : मंत्री
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि विदेशों में हार्टी टूरिज्म बहुत ज्यादा प्रचलित है, इसी तरह उत्तराखंड राज्य में भी हार्टी टूरिज्म को बढ़ाने के लिए अधिकारियों को कार्य योजना तैयार करने के लिए निर्देशित किया. मंत्री ने कहा कि हाउस आफ हिमालयाज को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में जनपदवार प्लानिंग की जाए. इसके साथ ही हाउस आफ हिमालयज की बेहतर ब्रांडिंग की जाए.
मंडुआ और झंगोरा की गुणवत्ता को बताया बेहतर
मंत्री ने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय स्थापित कर प्रदेश में गुणवत्ता और उत्पादन बढ़ाने के लिए बेहतर प्रयास करें. मंत्री ने कहा कि मिलेट्स रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ़ हैदराबाद द्वारा उत्तराखंड के मंडुआ और झंगोरा की गुणवत्ता को सबसे बेहतर आंका गया है. सरकारी बंजर जमीनों की गुणवत्ता की जांच की जाए और उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किए जाएं.
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