उत्तराखंड

मजिस्ट्रेट जांच में पता चला एसटीपी में करंट लगने की घटना अर्थिंग में खामी के कारण

Harrison
29 July 2023 3:50 PM GMT
मजिस्ट्रेट जांच में पता चला एसटीपी में करंट लगने की घटना अर्थिंग में खामी के कारण
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उत्तराखंड | चमोली जिले में नमामि गंगे परियोजना के तहत संचालित जल-मल शोधन संयंत्र (एसटीपी) में हाल में करंट लगने से 16 लोगों की मौत की घटना अर्थिंग में खामी की वजह से हुई। यह निष्कर्ष मजिस्ट्रेट ने अपनी जांच में निकाला है। जांच रिपोर्ट में एसटीपी के रखरखाव के लिए जिम्मेदार दो कंपनियों को सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी करने की वजह से काली सूची में डालने की भी सिफारिश की गई है। चमोली के अपर जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक त्रिपाठी द्वारा पूरे प्रकरण की जांच की गई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी एसटीपी का बिजली सुरक्षा ऑडिट कराने की सिफारिश की। रिपोर्ट शनिवार को राज्य सरकार को सौंपी गई और मीडिया के लिए जारी की गई। इसमें घटना के लिए एसटीपी में विद्युतीकरण की जिम्मेदारी संभाल रहीं संयुक्त उपक्रम की कंपनियों को जिम्मेदार ठहराया गया है जिन्होंने ठेके और सुरक्षा मानकों की अनदेखी की।
इसके साथ ही उत्तराखंड में इनका ठेका रद्द करने और काली सूची में डालने की सिफारिश की गई है। इस संयुक्त उपक्रम में जयभूषण मलिक कॉन्ट्रैक्टर्स, पटियाला (प्रमुख साझेदार) और कॉन्फिडेंट इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, कोयंबटूर शामिल हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि ‘चेंजओवर पैनल’ में शॉर्ट-सर्किट हुआ था और नियंत्रण तथा मुख्य पैनल में अर्थिंग में खामी आई थी। इसमें कहा गया कि उचित अर्थिंग की अनुपलब्धता के कारण करंट धातु संरचनाओं से होकर गुजरा। रिपोर्ट में कहा गया है कि संयंत्र की ओर जाने वाली सीढ़ियां और रेलिंग इन धातु संरचनाओं का हिस्सा थीं। मजिस्ट्रेट ने कहा कि इसके चलते जो लोग सीढ़ियों और रेलिंग के संपर्क में थे उन्हें बिजली का झटका लगा क्योंकि एसटीपी में अर्थिंग मानकों के अनुरूप नहीं थी। रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के लिए जल संस्थान और बिजली विभाग के कर्मियों के बीच समन्वय की कमी भी जिम्मेदार थी।
इसमें राज्य के सभी एसटीपी की बिजली सुरक्षा की जांच करने की भी सिफारिश की गई है ताकि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो। चमोली के अलकनंदा नदी किनारे स्थित एसटीपी की सीढ़ियों और रेलिंग में 18-19 जुलाई की रात करंट आ गया था जिसकी चपेट में आकर 16 लोगों की जान चली गई थी और 11 अन्य झुलस गए थे। उत्तराखंड पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने कहा कि एसटीपी में कुछ मरम्मत कार्य करने के लिए 20 मिनट तक बिजली आपूर्ति बंद की गई थी और जब इसे बहाल किया गया तो हादसा हो गया। इस मामले में संयुक्त उपक्रम कंपनी के सुपरवाइजर सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
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