शीतकाल के दौरान 6 माह तक पांडुकेश्वर में भगवान बदरीविशाल की होगी पूजा
जनता से रिश्ता। विश्व प्रसिद्ध बदरीनाथ धाम (badrinath dham) से आज सुबह 10:30 मिनट पर गढ़वाल स्काउट के बैंड की धुन के बीच रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की अगुवाई में रवाना हुई. भगवान उद्धव जी, कुबेर जी और भगवान गरुड़ जी की चल विग्रह मूर्तियों के साथ आदिगुरु शंकराचार्य की डोली भी पांडुकेश्वर के लिए रवाना हुई. हनुमानचट्टी में विशेष पूजा-अर्चना के बाद सभी देव डोलियां पांडुकेश्वर पहुंचीं. इन देव डोलियों का जगह-जगह पुष्प वर्षा के साथ जोरदार स्वागत किया गया. पांडुकेश्वर में स्थानीय महिलाओं ने अपने विशेष पारंपरिक वेश भूषा में मंगल गीत और भजन गाकर जोरदार स्वागत किया. पांडुकेश्वर स्थित योग ध्यान बदरी मंदिर में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी और धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने भगवान कुबेर, भगवान उद्धव और भगवान गरुड़ जी की मूर्ति स्थापित कर विशेष पूजा-अर्चना की. अब शीतकाल के दौरान 6 माह तक पांडुकेश्वर में ही भगवान बदरीविशाल की पूजा होगी.