किसान के नाम पर लिया था शराब का ठेका, हल्द्वानी प्रशासन ने किसान को बनाया बकाएदार
हल्द्वानी क्राइम न्यूज़: गौलापार के एक कास्तकार के नाम पर शराब का ठेका आवंटित कर दिया और कास्तकार को इसकी भनक तक नहीं लगी। इसका पता कास्तकार को तब लगा, जब विभाग ने उसे करोड़ों रुपए का बकाएदार बना दिया और उसका नाम तहसील के बकाएदारों की सूची में चस्पा कर दिया। इससे उसकी छवि धूमित हो रही है। कास्तकार के मुताबिक उसके साथ ये जालसाजी शहर के बड़े शराब कारोबारी नवनीत अग्रवाल ने की है और नवनीत के खिलाफ न सिर्फ कोतवाली पिथौरागढ़ में केस दर्ज है बल्कि मामला न्यायालय में भी विचाराधीन है।
हरिपुर ठठौला गौलापार निवासी बलकार सिंह पुत्र मोता सिंह पेशे से कास्तकार हैं। बलकार सिंह ने कभी पिथौरागढ़ में शराब की दुकान के लिए आवेदन नहीं किया। बावजूद इसके जालसाजी कर उनके नाम पर पिथौरागढ़ में शराब का ठेका आवंटित कर दिया गया। इसका पता बलकार सिंह को तब लगा जब प्रशासन ने उन्हें कुमाऊं का बड़ा बकाएदार बना दिया। बलकार ने अपने स्तर से पड़ताल की तो पता लगा कि यह सारा किया धरा शहर के शराब कारोबारी नवनीत अग्रवाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर किया है। इसके बाद बलकार ने हल्द्वानी कोतवाली में तनिष्क कालाढूंगी रोड सतीश कालोनी निवासी नवनीत अग्रवाल पुत्र यशोदा नंदन अग्रवाल के खिलाफ जीरो एफआईआर दर्ज करा दी, जिसे बाद में कोतवाली पिथौरागढ़ ट्रांसफर कर दी गई। बलकार के मुताबिक वर्ष 2020-21 का विदेशी मदिरा की फुटकर बिक्री दुकान का लाइसेंस पिथौरागढ़ में जारी किया गया था। जबकि बलकार ने कभी भी मदिरा व्यवसाय के लिए आवेदन ही नहीं किया।
बलकार के नाम फर्जी ढ़ंग से जो शराब का ठेका लिया गया, वो ठेका नवनीत अग्रवाल ने बलकार सिंह के दस्तावेजों का इस्तेमाल कर फर्जी ढ़ंग से हासिल किया। इस मामले में न केवल आबकारी विभाग को बल्कि उच्च न्यायालय में तीन याचिकाएं और स्पेशल अपील दायर कर अदालत के साथ धोखाधड़ी कर गुमराह करते हुए फर्जी कागजात बनाकर स्थगन आदेश प्राप्त करने का प्रयास किया गया। नवनीत पर आरोप है कि जिला आबकारी अधिकारी पिथौरागढ़ को भी बलकार के फर्जी हस्ताक्षर से गुमराह किया। इधर, बलकार का कहना है कि उन्हें इस साजिश का पता तब लगा जब उन्हें चार करोड़ आठ लाख रुपए से अधिक का बकाएदार बना दिया गया। बलकार द्वारा शिकायत पर इस बकाए में से 25 प्रतिशत रुपया नवनीत ने जमा किया। अब यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। उनका कहना है कि तहसील में बकाएदारों की सूची में चस्पा किया गया है, जिससे उनकी छवि धूमिल हो रही है। इसके खिलाफ भी वह तहसील प्रशासन व जिला प्रशासन को प्रार्थना पत्र देंगे।