हल्द्वानी: बिजली विभाग की लापरवाही के चलते लाइनमैन अपनी जान गवां रहे हैं। बिजली लाइनों में मेंटेनेंस कार्य के दौरान अचानक से करंट आने से लाइनमैन इसकी चपेट में आ जाते है, जिससे उनकी मौत हो जाती है। कई बार घटनाएं घट चुकी हैं, लेकिन उसके बाद भी ऊर्जा निगम इन घटनाओं से सीख नहीं ले रहा है।
गलत सूचना मिलने पर शटडाउन लेना बन रहा हादसों का कारण: बिजली की लाइन में कार्य करने के दौरान करंट से जनपद में लाइनमैनों की मौत हो रही है। हादसे का कारण गलत सूचना के आधार पर शटडाउन लेना रहता है। बीते सप्ताह ही गोठिया गांव में बिजली में दिक्कत के चलते ठीक कराने के लिए बेतालघाट निवासी लाइन मैन (42) किशोर को बुलाया गया। बिना शटडाउन लिए ही काम शुरू कर दिया तभी अचानक करंट आने से किशोर गंभीर रुप से झुलस कर जमीन पर गिर गया। उपचार के लिए लोग उसे हल्द्वानी ले गए जहां इलाज के दौरान उसकी जान बच गई।
बिना शटडाउन लिये ही करने लगते हैं मेंटीनेंस का काम: जानकारी के मुताबिक, कहीं पर लाइनमैन बिना शटडाउन लिए ही कार्य करने लगते हैं, जबकि कहीं पर बिजली विभाग की गलत सूचना पर शटडाउन न किए जाने के चलते लाइनमैन अपनी जान गवां रहे हैं। इन हादसों में अपनी जान गवाने वाले लाइनमैनों के परिवार को ऊर्जा निगम की ओर से मुआवजे के तौर पर 4 लाख रुपये की राशि मदद के नाम पर दिए जाने का प्रावधान है।
पूर्व में हो चुकी घटनाएं: नथुवाखान भियाल गांव निवासी राजेंद्र प्रसाद (38) पुत्र देव राम निवासी ऊर्जा निगम के ठेकेदार संग लाइनमैन का कार्य करता था। बीते माह में नथुवाखान के समीप बिजली की 11 हजार हाईटेंशन लाइन पर काम कर रहा था। खंबे पर चढ़ते ही वह करंट की चपेट में आ गए और सीधे जमीन पर गिर पड़ा। करंट की सूचना मिलते ही तत्काल राजेंद्र को भवाली सीएचएसी ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दूसरी घटना, रेवकुली स्यालीघाट अल्मोड़ा निवासी वीरेंद्र कुमार (35) पुत्र स्व. देवरराम ठेकेदार के अधीन लाइनमैन का काम करता था। बीते दिसंबर माह लाइन में फॉल्ट की सूचना पर सुधारने के लिए वीरेंद्र को भेजा गया। पोल पर चढ़ने से पहले कोसी मटेला बिजली स्टेशन को शटडाउन करने को कहा। उसी वक्त दूसरे फीडर का शटडाउन कर दिया गया जिससे पोल पर चढ़ने के दौरान ही करंट की चपेट में आ