उत्तराखंड

हत्या के तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

Admin4
5 Oct 2023 1:54 PM GMT
हत्या के तीन आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा
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रुद्रपुर। पुरानी रंजिश के चलते युवक की गोली मारकर निर्मम हत्या के मामले में तीन आरोपियों को आजीवन कारावास और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह सजा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर ने गुरुवार को खुली अदालत में सुनायी।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोरा ने बताया कि रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र में पड़ने वाले ग्राम फौजी मटकोटा निवासी राकेश कुमार 30 सितंबर 2017 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने कहा कि 29 सितंबर 2017 की सायं करीब 8 बजे वह अपने बड़े भाई अतेनदर पाल सिंह एवं चचेरे भाई संजीव पाल सिंह के साथ स्कूटी पर सवार होकर अपनी फर्नीचर की दुकान पर जा रहे थे। इस बीच फौजी मटकोटा मोड़ पर कोल्हू के पास पहले से हथियारों से लैस विनीत पुत्र छत्रपाल, वीरे पुत्र हुसनलाल व डम्पी धामा पुत्र कुंवर पाल ने रोककर पिस्तौल व तमंचे से फायरिंग शुरू कर दी।
रिपोर्ट के अनुसार तीनों जान बचाने के लिए गांव की तरफ भागे तो आरोपियों ने उनका पीछा कर अतेनदर पाल को पकड़ लिया और जमीन पर लिटा कर उसके सिर में गोली मार दी। इससे अतेनदर पाल की मौके पर ही मौत हो गयी। शोर मचाने पर तीनों हमलावर वहां से फरार हो गये। तहरीर के आधार पर पुलिस ने तीनों के विरूद्ध हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने 2 अक्टूबर 2017 को विनित व वीरे को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर तमंचे बरामद कर उनको जेल भेज दिया। इसके बाद पुलिस ने दोनों के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था। मुकदमा प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर की अदालत में चला। इसमें सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोरा ने 14 गवाह पेश किए।
गवाही के दौरान डम्पी धामा का नाम हत्या करने वालों में शामिल होने के कारण कोर्ट ने धारा 319 सीआरपीसी के तहत तलब किया। सुनवाई के बाद न्यायालय ने तीनों को हत्या का आरोपी माना। इसके बाद प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर ने खुली अदालत में तीनों को हत्यारोपी घोषित किया। साथ ही धारा 302/34 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
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