x
विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन शनिवार को विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए रखा
विधानसभा शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन शनिवार को विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए रखा। भाजपा सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ी। विशेषाधिकार हनन पर विपक्ष जमकर भाजपा सरकार पर हमलावर हुई। खनन प्रकरण पर नेता प्रतिपक्ष ने सीएम पुष्कर सिंह धामी का इस्तीफा मांगा। कहा कि पीआरओ को सस्पेंड करने से आरोपों की पुष्टि भी हुई है। यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत में यमुनोत्री को जिला बनाने की मांग की है।
रावत ने सदन में नियम 300 के तहत 2011 की सीएम घोषणा के मुताबिक नया जिला गठित करने की मांग की है । आपको बता दें कि नजूल भूमि के मुद्दे पर लंबे समय से चले आ रहे असमंजस को खत्म करते हुए राज्य सरकार ने शुक्रवार को नजूल आवंटन, फ्री होल्ड और नवीनीकरण के लिए विधेयक सदन के पटल पर रखा। इसके साथ ही देवस्थानम बोर्ड ऐक्ट को निरस्त करने के विधेयक और अनुपूरक बजट समेत आठ और विधेयक भी सदन में रखे गए। इन सभी को पारित करने की कार्यवाही शनिवार को होगी।
शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन बेरोजगारी, कानून व्यवस्था व राशन कार्डधारकों के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। हालाकि सरकार ने शून्यकाल में आठ विधेयक पटल पर रखे। नजूल भूमि पर सुप्रीम कोर्ट ने गत तीन दिसंबर को राज्य सरकार को कानून बनाने की मंजूरी दी थी। चुनावी साल में इस मुद्दे के महत्व को देखते हुए आवास मंत्री बंशीधर भगत ने शुक्रवार को 'उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबंधन, व्यवस्थापन एवं निस्तारण विधेयक 2021' सदन में रखा।
विधेयक के जरिए सरकार निजी वैध-अवैध कब्जेधारकों के साथ केंद्र सरकार, राज्य सरकार, निगम निकायों के पक्ष में भी नजूल भूमि का आवंटन कर सकेगी। कब्जे के लिए कट ऑफ डेट का निर्धारण बाद में किया जाएगा जबकि शुल्क का निर्धारण, आवेदन की तिथि के दिन लागू सर्किल रेट से किया जाएगा। विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि छावनी परिषद क्षेत्र में यह ऐक्ट लागू नहीं होगा।
भगत ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द लोगों को इसका लाभ देने का प्रयास करेगी। इसके साथ ही सरकार ने देवस्थानम बोर्ड ऐक्ट को निरस्त करने के लिए चारधाम देवस्थानम प्रबंधन (निरसन) विधेयक सदन के पटल पर रखा। बीते दो साल से देवस्थानम बोर्ड के विरोध को देखते हुए हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे निरस्त करने की घोषणा की थी। बीती कैबिनेट बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पर मुहर भी लगाई जा चुकी है। शुक्रवार को सरकार ने इसका विधेयक सदन में पेश कर देवस्थानम ऐक्ट भंग करने की अंतिम औपचारिकता शुरू कर दी।
ये विधेयक हुए पेश
लोक सेवा अधिकरण संशोधन विधेयक
देवस्थानम प्रबंधन (निरसन) विधेयक
सिविल विधि संशोधन विधेयक
कृषि उत्पाद मंडी पुनर्जीवित विधेयक
पंचायतीराज द्वितीय संशोधन विधेयक
आम्रपाली विश्वविद्यालय विधेयक
उत्तराखंड नजूल भूमि प्रबंधन विधेयक
सोसायटी रजिस्ट्रीकरण संशोधन विधेयक
Next Story