उत्तराखंड

लक्ष्मी राणा का लॉकर खुलवाया, मिले 45 लाख के गहने

Admindelhi1
17 Feb 2024 5:35 AM GMT
लक्ष्मी राणा का लॉकर खुलवाया, मिले 45 लाख के गहने
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45 लाख के गहने

देहरादून: प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने बीते दिनों वन विभाग की पाखरो रेंज में हुए घपले में लक्ष्मी राणा का लॉकर खुलवाया। लॉकर से करीब 45 लाख के गहने मिले हैं। इन्हें जब्त कर ईडी ने जांच शुरू कर दी है। लक्ष्मी राणा से इनका हिसाब मांगा गया है। रुद्रप्रयाग की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा पूर्व बीजेपी सरकार में मंत्री रहे हरक सिंह रावत की करीबी बताई जाती हैं। बीते दिनों ईडी की टीम ने उत्तराखंड समेत तीन राज्यों में घपले को लेकर 17 स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान कुल 6 लॉकर ईडी टीम ने फ्रीज कराए थे। अब इन्हें खुलवाए जाने की प्रक्रिया शुरु की गई है। लक्ष्मी राणा का घंटाघर में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में स्थित लॉकर खुलवाया गया। बैंक, ईडी टीम और लक्ष्मी राणा की मौजूदगी में यह लॉकर खुला। इससे यह गहने मिले। अब इन गहने की खरीद की जांच शुरू कर दी गई है।

पहले यह रिकवरी हुई प्रवर्तन निदेशालय ने कार्बेट के पाखरो रेंज में टाइगर सफारी निर्माण कार्यों में घपले और कैंपा फंड में गड़बड़ी को लेकर यह छापेमारी उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, श्रीनगर, लैंसडौन, काशीपुर, ऋषिकेश के साथ ही दिल्ली और हरियाणा में की थी। छापेमारी में 1.10 करोड़ रुपए नगदी, सवा किलो सोना, विदेशी डॉलर, बैंक लॉकर, डिजिटल डिवाइस, विभिन्न डीलों के दस्तावेज और 60 करोड़ की जमीनों के दस्तावेज कब्जे में लिए थे। अब दस्तावेजों के साथ ही लॉकरों की जांच पर ईडी ने फोकस किया है। लॉकरों से ईडी को कई राज खुलने की उम्मीद है।

कई आईएफएस अफसर राडार पर: राडार पर आ गए हैं। पाखरो प्रकरण में कुछ अफसरों व तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत के घर छापेमारी के बाद ईडी को इनके बारे में अहम जानकारियां मिली थीं। इसके बाद ईडी ने इनकी भी गोपनीय जांच शुरू कर दी है। ईडी को छापेमारी के दौरान एक आईएफएस के घर से कुछ अन्य आईएफएस के नामों के कुछ दस्तावेज मिले हैं। इनमें लाखों रुपयों के लेन देन को लेकर तथ्य हैं। वर्ष 2019 में हरक सिंह के वन मंत्री रहते कॉर्बेट के पाखरो रेंज में टाइगर सफारी निर्माण को मंजूरी मिली थी। 101 हेक्टेयर में टाइगर सफारी के लिए मंजूरी से ज्यादा पेड़ काटने और बिना वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति के करोड़ों के निर्माण कार्य करने के आरोप लगे। विभागीय एसआईटी के साथ विजिलेंस ने भी जांच की। अब सीबीआई इसकी जांच कर रही है। ईडी की तरफ से आय से अधिक संपत्ति और मनी लांड्रिंग की जांच को यह छापेमारी की गई है।

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