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काशीपुर। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने पीएम, आरबीआई व उत्तराखंड सरकार के सचिवों के जालसाजी से तैयार हस्ताक्षरित पत्र दिखा लाखों की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है। बूरा बताशा गली निवासी शिवानी बिंदल ने अपने अधिवक्ता अमरीश अग्रवाल के माध्यम से न्यायालय में धारा 156(3) के तहत न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। जिसमें कहा कि उसके पति सिद्धार्थ बिंदल का लखनऊ निवासी अभिषेक तिवारी व उसके पिता मृत्युंजय तिवारी से वर्ष 2020 में परिचय हुआ। आरोपियों ने उसके पति से कहा कि उनके पीएम व यूपी के डिप्टी सीएम के साथ ही अन्य बड़े लोगों से जान-पहचान है। वह बड़ा अस्पताल खोलने के लिए 53 करोड़ रुपये की फंडिंग का इंतजाम करा देंगे। इनकी बातों पर विश्वास कर उसने व उसके पति ने आरोपियों को 70 लाख रुपये विभिन्न माध्यमों से दे दिए। इसके बाद भी आरोपियों ने कोई धनराशि उसके पति को नहीं दिलाई।
जब आरोपियों से व्हाट्सएप के माध्यम से चैट्स की तो उन्होंने पीएम का हस्ताक्षरित पत्र, आरबीआई के हस्ताक्षरित पत्र, उत्तराखंड सरकार के सचिवों के हस्ताक्षरित पत्र धोखाधड़ी व जालसाजी से तैयार कर पति को दिखाए कि 30 करोड़ 45 लाख रुपये पूंजी निवेश की संस्तुति पति के नाम से हो गई है। 70 लाख रुपये की पूरी रकम प्राप्त होने पर 53 करोड़ रुपये की फंडिंग हो जाएगी। पुलिस को मामले की तहरीर दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। न्यायालय ने अधिवक्ता अमरीश अग्रवाल, मुनिदेव विश्नोई व भारत भूषण के तर्कों से संतुष्ट होकर आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
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