उत्तराखंड

जानिए क्यों खतरे में है जिपं अध्यक्ष की कुर्सी

Gulabi Jagat
26 Jun 2022 7:05 AM GMT
जानिए क्यों खतरे में है जिपं अध्यक्ष की कुर्सी
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उत्तराखंड न्यूज
रुद्रप्रयागः जिला पंचायत रुद्रप्रयाग में एक बार फिर उथल-पुथल मच गई है. अपनी कुर्सी बचाने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष को जिन सदस्यों को मनाना था, वो सदस्य जिले से बाहर चले गए हैं. रुद्रप्रयाग जिला पंचायत के 14 सदस्यों का कुछ अता-पता नहीं है. सूत्रों की मानें तो सभी जिले से बाहर चले गए हैं. सभी सदस्य अब दो जुलाई को वोटिंग के दिन ही रुद्रप्रयाग पहुंचेंगे. इस बीच यह भी मामला सामने आ रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव में शामिल त्रियुगीनारायण वार्ड की जिला पंचायत सदस्य के पति को नौकरी से हटाने की धमकी भी मिल रही है. सदस्य के पति ने एक पत्र सोशल मीडिया में भी जारी कर दिया है.
दरअसल, रुद्रप्रयाग जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह (Rudraprayag District Panchayat President Amardei Shah) के खिलाफ कुछ समय पहले नाराज चल रहे 14 सदस्य अविश्वास प्रस्ताव लाए थे. अविश्वास प्रस्ताव में जिला पंचायत सदस्यों ने अध्यक्ष पर तमाम तरह के आरोप लगाए थे. आगामी दो जुलाई को जिला पंचायत में वोटिंग होनी है. ऐसे में कुर्सी को बचाने के लिए अध्यक्ष को सदस्यों से बातचीत करनी थी, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले 14 सदस्य अचानक कहीं गायब हो गए हैं. सदस्यों का कुछ अता पता नहीं है. सदस्य फोन पर भी किसी से वार्ता नहीं कर रहे हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 14 सदस्य प्रदेश से बाहर चले गए हैं और अब वो वोटिंग के दिन ही रुद्रप्रयाग पहुंचेंगे. 14 जिला पंचायत सदस्यों के रुद्रप्रयाग से चले जाने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी जाने का खतरा अधिक बढ़ गया है. यह भी बात सामने आ रही है कि बीजेपी की ओर से नाराज सदस्यों को मनाए जाने की कोशिशें तो की जा रही हैं, लेकिन सदस्य किसी भी हाल में मानने को तैयार नहीं हैं.
वहीं, अविश्वास प्रस्ताव में शामिल त्रियुगीनारायण वार्ड से जिला पंचायत सदस्य बबीता सजवाण (District Panchayat Member Babita Sajwan) के पति को भी नौकरी से निकाले जाने की धमकी मिलने की खबर आ रही है. जिला पंचायत सदस्य के पति ने सोशल मीडिया में एक पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि वो बीते कई सालों से एसबीआई फाटा में अस्थाई कर्मचारी के तौर पर कार्य कर रहे हैं, लेकिन उनकी पत्नी अविश्वास प्रस्ताव लाने में साथ दे रही हैं, जिस कारण एक जनप्रतिनिधि के कार्यकर्ताओं की ओर से उन्हें नौकरी से निकाले जाने की धमकियां मिल रही हैं. वहीं ईटीवी भारत सोशल मीडिया पर वायरल पत्र की पुष्टि नहीं करता है.
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