न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
पिछले दिनों जल जीवन मिशन के तहत चल रहीं पेयजल योजनाओं में निर्माण सामग्री के दाम काफी बढ़ गए थे। इससे ठेकेदारों ने काम से हाथ खड़े कर दिए थे। बाद में शासन स्तर से सभी योजनाओं की डीपीआर संशोधित की गई थी। ठेकेदारों ने काम शुरू कर दिया लेकिन एक बार फिर उनके लिए मुश्किल पैदा हो गई है।
प्रदेशभर में चल रही पेयजल योजनाओं पर महंगाई के बाद अब जीएसटी का अड़ंगा लग गया है। हाल ही में इन योजनाओं में जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई है। हालांकि पेयजल विभाग का कहना है कि जल्द ही इसका समाधान कर लिया जाएगा।
दरअसल, पिछले दिनों जल जीवन मिशन के तहत चल रहीं पेयजल योजनाओं में निर्माण सामग्री के दाम काफी बढ़ गए थे। इससे ठेकेदारों ने काम से हाथ खड़े कर दिए थे। बाद में शासन स्तर से सभी योजनाओं की डीपीआर संशोधित की गई थी। ठेकेदारों ने काम शुरू कर दिया लेकिन एक बार फिर उनके लिए मुश्किल पैदा हो गई है।
दरअसल, पिछले दिनों जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद इन कामों में जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से बढ़कर 18 प्रतिशत हो गईं। इससे ठेकेदारों का खर्च बढ़ गया है। अब ठेकेदारों ने फिर पेयजल निगम का दरवाजा खटखटाया है। उनकी मांग है कि इस जीएसटी की बढ़ी हुई दर की प्रतिपूर्ति निगम के स्तर से ही की जाए।
वहीं, करीब 17 डीपीआर अभी तैयार हो रही हैं, उनमें भी अब जीएसटी की इस दर के हिसाब से संशोधन करना होगा। पेयजल निगम के एमडी उदयराज सिंह का कहना है कि ठेकेदारों से इस संबंध में वार्ता हो गई है। उन्हें फिलहाल अपना काम जारी रखने को कहा गया है। मामले में शासन स्तर से जल्द ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
2024 तक पूरी होनी है हर घर जल की योजना
केंद्र सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल से जल के लिए जल जीवन मिशन की शुरुआत 2019 में की थी। इस योजना को 2024 तक पूरा किया जाना है। उत्तराखंड में भी करीब 13 लाख घरों तक योजना का लाभ पहुंचाया जाना है, जिसके सापेक्ष अभी तक करीब सात लाख कनेक्शन दिए जा चुके हैं। कनेक्शन देने के साथ ही सभी योजनाओं की डीपीआर बनाकर पेयजल लाइन बिछाने का काम भी चल रहा है।