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टिहरी: जिले के घनसाली विधानसभा के बूढ़ाकेदार में 8 जुलाई को भारी बारिश होने के चलते बूढ़ाकेदार और उसके आसपास की सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई थी. जिसमें बेलख-भटवाड़ी-त्रियुगीनारायण वाला रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया था. इस रास्ते से गंगोत्री से केदारनाथ जाने वाले कांवड़िए गंगाजल लेकर जाते हैं, मगर 8 जुलाई की तेज बारिश के बाद टूटी सड़कों पर अभी तक कोई काम नहीं हो पाया है. जिसके कारण कांवड़िए जान जोखिम में डालकर घनघोर जंगलों से टूटे फूटे रास्तों से होकर केदारनाथ गंगाजल चढ़ाने जा रहे हैं.
कांवड़ियों ने रास्तों की हकीकत अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर दिखाई है. दिल्ली से आए कावड़िए गंगोत्री से गंगा जल लेकर केदारनाथ जाते समय घनसाली के बेलख-झाला का रास्ता पूरी तरह से टूटा होने के कारण जंगलों के रास्ते बूढ़ाकेदार तक आ रहे हैं. तमाम परेशानियों से जूझते हुए कांवड़िये अपनी यात्रा पूरी करने की कोशिशों में लगे हुए हैं.
जंगल के रास्ते सफर करने को मजबूर कांवड़ यात्री.
आश्चर्य की बात है यह है कि टिहरी जिला आपदा प्रबंधन केंद्र 8 जुलाई से अब सोया हुआ है. अभी तक टिहरी जिले के अंतर्गत बेलख-झाला-त्रियुगीनारायण-केदारनाथ जाने वाला पैदल रास्ता बन्द है. इसे खोलने के लिए न तो लोक निर्माण विभाग घनसाली और न ही जिला आपदा प्रबंधन ने कोई कदम उठा रहा है. जिसका खामियाजा कांवड़ियों को भुगतना पड़ रहा है.
Source: etvbharat.com
Gulabi Jagat
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