न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
जोशीमठ-मलारी हाईवे बेहद तंग स्थिति में पहुंच गया है। यहां कई जगहों पर भूस्खलन और भू-धंसाव हो रहा है। रैणी गांव के समीप चट्टानी भाग से रह-रहकर भूस्खलन हो रहा है।
भारी बारिश के दौरान सलधार के पास चट्टान टूटने से जोशीमठ-मलारी हाईवे अवरुद्ध हो गया है। रविवार को दिनभर बीआरओ के मजदूर बोल्डरों को हटाने में लगे रहे लेकिन हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारू नहीं हो पाया। इससे नीती घाटी के ग्रामीणों के साथ ही सीमा क्षेत्र में जा रहे सेना के वाहनों की आवाजाही ठप पड़ गई है।
जोशीमठ-मलारी हाईवे बेहद तंग स्थिति में पहुंच गया है। यहां कई जगहों पर भूस्खलन और भू-धंसाव हो रहा है। रैणी गांव के समीप चट्टानी भाग से रह-रहकर भूस्खलन हो रहा है। शनिवार रात को करीब 11 बजे हाईवे पर चट्टान से बड़े-बड़े बोल्डर हाईवे पर आ गए, जिससे रविवार सुबह से ही हाईवे ठप पड़ा हुआ है।
हाईवे अवरुद्ध होने की सूचना पर मौके पर पहुंचे बीआरओ के मजदूरों ने बोल्डरों को हटाने का काम शुरू किया, लेकिन शाम तक भी हाईवे सुचारू नहीं हो पाया है। सुकी गांव के ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह बुटोला ने बताया कि हाईवे अवरुद्ध होने से ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
रविवार को ग्रामीणों ने बोल्डरों के ऊपर से ही जान जोखिम में डालकर आवाजाही की। उन्होंने शीघ्र हाईवे को सुचारु करने की मांग उठाई है। इधर, बीआरओ के कमांडर कर्नल मनीष कपिल ने बताया कि हाईवे पर बड़े-बड़े बोल्डर आए हैं। उन्हें हटाने का काम जारी है। शीघ्र हाईवे को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा।
भंडेलीगाड के पास 10 दिन बाद भी आवाजाही सुरक्षित नहीं
जानकीचट्टी यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भंडेलीगाड के पास 10 दिन बाद भी सुगम आवाजाही लायक मार्ग तैयार नहीं हो पाया है। इस पर तीर्थपुरोहितों ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने एक सप्ताह में मार्ग को सुगम आवाजाही लायक नहीं बनाए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भंडेलीगाड के पास तीन दिन तक यात्रा स्थगित रखने के बावजूद अभी तक सुरक्षित आवाजाही नहीं हो पा रही है। घोड़े खच्चर भी उक्त स्थान से नहीं जा पा रहे हैं। इसका खामियाजा श्रद्धालुओं को भुगतना पड़ रहा है।
यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल, उपाध्यक्ष राजस्वरुप उनियाल, सच्चिदानंद उनियाल और मनमोहन उनियाल आदि ने कहा कि जानकीचट्टी यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भंडेलीगाड़ के पास सुगम आवाजाही के लिए लोनिवि, प्रशासन गंभीरता से प्रयास नहीं कर रहा है।
बांसवाड़ा में पांच घंटे बंद रहा रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे
केदारनाथ और केदारघाटी को जोड़ने वाला रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे बांसबाड़ा में भारी भूस्खलन के कारण पांच घंटे तक बंद रहा। सुबह हुई मूसलाधार बारिश से बांसबाड़ा भूस्खलन जोन सक्रिय होने से पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिरते रहे। इस दौरान हाईवे पर दो तरफ वाहनों की लंबी कतार लगी रहीं। वहीं जिले में दस से अधिक संपर्क मोटर मार्ग भी बंद पड़े हैं।
रविवार को तड़के से केदारघाटी क्षेत्र में बारिश होती रही। इस दौरान रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर अतिसंवेदनशील जोन बांसवाड़ा में पहाड़ी से भारी भूस्खलन से हाईवे सुबह पांच बजे ही बंद हो गया था। सुबह 9 बजे तक क्षेत्र में रुक-रुककर होती तेज बारिश के कारण यहां पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिरते रहे। बारिश थमने पर एनएच व कार्यदायी संस्था ने मलबा हटाना शुरू किया और सुबह 10 बजे हाईवे यातायात के लिए खोल दिया गया।
वहीं अगस्त्यमुनि के समीप भी हाईवे पहाड़ी से मलबा आने से बंद रहा। क्षेत्र पंचायत सदस्य दीपक रावत, राजेश नेगी, गोविंद सिंह, मुकेश सिंह, हिमांशु सिंह आदि का कहना है कि पिछले एक पखवाड़े से बांसवाड़ा में भूस्खलन जोन सक्रिय है जिस कारण हल्की बारिश में पहाड़ी से मलबा और पत्थर गिरने से हाईवे बंद हो रहा है। ऐसे में स्थानीय गांवों के जरूरतमंद लोगों को अगस्त्यमुनि पहुंचने तक दिक्कतें हो रही हैं। उन्होंने हाईवे पर सक्रिय भूस्खलन और डेंजर जोन के प्राथमिकता से ट्रीटमेंट की मांग की।