उत्तराखंड
लोगों की जेब पर महंगाई की मार, हरिद्वार में आयुर्वेदिक दवाइयां 66 फीसदी तक हुईं महंगी
Renuka Sahu
12 Aug 2022 5:23 AM GMT
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फाइल फोटो
हरिद्वार में आयुर्वेदिक औषधियां 66 फीसदी तक महंगी हो गई हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हरिद्वार में आयुर्वेदिक औषधियां 66 फीसदी तक महंगी हो गई हैं। आंवला दो सौ रुपये, अश्वगंधा आठ सौ रुपये, शतावर आठ सौ रुपये और कुटकी 18 सौ रुपये प्रति किलो के दाम से बाजारों में मिल रही है। महंगाई का असर अब औषधियों पर भी पड़ता नजर आ रहा है।
आयुर्वेदिक औषधियों के दामों में 23 फीसदी से 66 फीसदी तक इजाफा हुआ है। औषधि कमल गट्टा 66 फीसदी महंगा हुआ है। आंवला 33, अश्वगंधा 23, शतावर 60, मुरब्बा सेब 33, मुरब्बा आंवला 50, शिकाकाई 50, कुटकी 50 और पनीर डोडी 46 फीसदी महंगी दरों से बाजारों में बिक रही है। आयुर्वेदिक औषधियों के दाम पिछले चार माह में बढ़े हैं।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग करने वाले रितेश पालीवाल, प्रदीप मदान, संजीव सैनी आदि का कहना है कि इससे इलाज काफी सस्ता पड़ता था। अंग्रेजी दवाइयों के मुकाबले आयुर्वेदिक दवाइयां काफी सस्ती मिलती थीं और इलाज भी अच्छा होता था। लेकिन अब इन औषधियों के दाम भी बढ़ते जा रहे हैं। जनता की पहुंच से आयुर्वेदिक इलाज बाहर होता जा रहा है। लगातार जड़ी बूटियों के दाम बढ़ रहे हैं। महंगाई में गरीब जनता पिसती जा रही है।
किसके कितने दाम (रुपये में)
औषधि दाम पहले दाम अब
आंवला 150 200
अश्वगंधा 650 800
शतावर 550 800
शिकाकाई 120 180
कमल गट्टा 300 500
कुटकी 1200 1800
पनीर डोडी 150 220
मुरब्बाआंवला 100 150
आयुर्वेदिक स्टोर संचालक अतुल गुप्ता ने कहा, 'औषधियों के दाम बढ़ गए हैं। महंगाई का असर औषधियों पर भी पड़ा है। औषधियां पीछे से ही महंगी मिल रही है। आयुर्वेदिक कंपनियां भी हर महीने अपने उत्पादों के दाम बढ़ा देती हैं। आगे भी दाम कम होने की कोई उम्मीद नही है।'
आयुर्वेदिक स्टोर संचालक विपिन मित्तल ने कहा, 'पिछले चार महीनों में औषधियों के दाम में बड़ा इजाफा हुआ है। रोजाना प्रयोग होने वाली औषधियां अब महंगी हो गई हैं। अब औषधियों, जड़ी बूटी भी जनता की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। महंगाई का असर है।'
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