उत्तराखंड

प्रदेश में तेज़ रफ्तार के कारण दुर्घटना में हुआ इज़ाफ़ा, पुलिस पर बड़ी ज़िम्मेदारी

Admin Delhi 1
29 July 2022 12:10 PM GMT
प्रदेश में तेज़ रफ्तार के कारण दुर्घटना में हुआ इज़ाफ़ा, पुलिस पर बड़ी ज़िम्मेदारी
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देहरादून न्यूज़: प्रदेश में तेज रफ्तार वाहन लगातार दुर्घटना का कारण बन रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2020 में 64.45 प्रतिशत और वर्ष 2021 में 76.79 प्रतिशत दुर्घटनाएं तेज रफ्तार वाहनों के कारण हुई हैं। ऐसे में अब प्रदेश में लगातार ऐसे वाहनों के खिलाफ जांच अभियान तेज करने की बात कही जा रही है।

प्रदेश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2020 में 1041 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इन दुर्घटनाओं में 674 व्यक्तियों की मृत्यु और 471 घायल हुए। वर्ष 2022 में 1405 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 820 व्यक्तियों की मृत्यु और 849 घायल हुए। वर्ष 2022 में अप्रैल तक 517 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इनमें 318 की मृत्यु और 467 व्यक्ति घायल हुए हैं। परिवहन व पुलिस विभाग द्वारा जब इन दुर्घटनाओं की जांच की गई तो यह बात सामने आई कि लापरवाही व तेज रफ्तार से वाहन चलाना दुर्घटनाओं का सबसे बड़े कारण बन रहा है। इन दुर्घटनाओं में मौत का आंकड़ा भी सबसे अधिक है। दुर्घटना के अन्य कारणों में गलत दिशा में वाहन चलाना, गलत तरीके से वाहन को ओवरटेक करना, शराब पीकर वाहन चलाना, गलत पार्किंग, वाहन की स्थिति, मौसम, सड़क की स्थिति, ओवर लोडिंग, मोबाइल का प्रयोग, वाहन चालक का बीमार होना व वाहन के सामने अचानक जानवर का आ जाना शामिल हैं। हालांकि, ये शेष कारण तेज रफ्तार और लापरवाह तरीके से वाहन चलाने के मामले में काफी कम हैं। इनमें भी दुपहिया, कार और मध्यम व भारी भार वाहनों से सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं।

परिवहन मंत्री चंदन राम दास ने इन पर रोक लगाने के लिए पुलिस व परिवहन विभाग को प्रवर्तन अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

वर्ष 2021 में हुई दुर्घटनाओं की स्थिति:

कारण दुर्घटना, मृतक, घायल

तेज रफ्तार व लापरवाही – 1079, 582, 849

गलत दिशा – 98, 53, 81

गलत ओवरटेकिंग- 27, 18, 17

शराब पीकर – 16, 04, 20

गलत पार्किंग – 07, 06, 01

वाहन की स्थिति – 06, 11, 02

मौसम – 02, 01, 01

सड़क की स्थिति – 03, 03, 06

मोबाइल का इस्तेमाल – 01, 00, 01

चालक का स्वास्थ्य – 03, 06, 09

जानवर का आना – 04, 05, 04

अन्य कारण – 159, 131, 100

कुल – 1405, 820, 1091

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