उत्तराखंड

उत्तराखंड में कई पैथौलॉजी लैब बिना डॉक्टर के ही हो रही संचालित, 45 लैबों की शिकायत-कार्रवाई शून्य

Renuka Sahu
26 Jun 2022 5:44 AM GMT
In Uttarakhand, many pathology labs are being operated without a doctor, 45 labs complain-action zero
x

फाइल फोटो 

उत्तराखंड में पैथोलॉजी रिपोर्ट के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है। कई पैथोलॉजी लैब बिना डॉक्टर के ही लोगों को रिपोर्ट जारी कर रही हैं।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तराखंड में पैथोलॉजी रिपोर्ट के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है। कई पैथोलॉजी लैब बिना डॉक्टर के ही लोगों को रिपोर्ट जारी कर रही हैं। ऐसे में लोगों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। राज्यभर से 45 शिकायतें मिलने के बावजूद अभी तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। इससे सरकार और स्वास्थ्य विभाग के अफसरों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

राज्य में कई प्राइवेट पैथोलॉजी लैब आम लोगों की जान से खेल रहे हैं। लैब के पास डॉक्टर नहीं हैं लेकिन डॉक्टरों के डिजिटल साइन से रिपोर्ट जारी की जा रही है। जानकारी के अभाव में लोग इस रिपोर्ट को सही मानकर उसी के आधार पर इलाज करा रहे हैं। उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल के डिप्टी रजिस्ट्रार डा. डीडी चौधरी के अनुसार राज्य की 45 लैबों के खिलाफ अभी तक इस तरह की शिकायतें मिली हैं।
इसके बाद उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल ने प्राइवेट लैब को नोटिस जारी किए हैं। हालांकि लैब पर कार्रवाई का अधिकार नहीं होने के बाद अब काउंसिल की ओर से राज्य के सभी प्राइवेट पैथोलॉजिस्ट के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
ऐक्ट कड़ाई से लागू नहीं
उत्तराखंड में क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट को कड़ाई से लागू नहीं किए जाने की वजह से ऐसे हालात पैदा हुए हैं। सरकार ऐसी लैब के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही जिससे आम लोगों की जान खतरे में पड़ रही है। यदि राज्य में ऐक्ट को कड़ाई से लागू किया जाता तो किसी भी जिले में इस तरह की लैब का चलना संभव नहीं था। लेकिन अफसरों की लापरवाही की वजह से इस तरह का धंधा खूब चल रहा है।
एक डॉक्टर दो लैब से दे सकेंगे रिपोर्ट
बड़े स्तर पर शिकायत मिलने के बाद उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल ने अब प्राइवेट पैथोलॉजिस्ट और रेडियोलॉजिस्ट के लिए नए नियम बनाए हैं। इसके तहत राज्य में कोई भी प्राइवेट पैथोलॉजिस्ट दो से अधिक लैब की रिपोर्ट साइन नहीं कर सकेंगे। इसी तरह रेडियोलॉजिस्ट भी दो डायग्नोस्टिक सेंटर से अधिक की रिपोर्ट साइन नहीं कर सकेंगे। यदि कोई डॉक्टर ऐसा करते हुए पकड़ा जाता है तो काउंसिल उनका पंजीकरण निरस्त कर देगी और फिर डॉक्टर रिपोर्ट जारी करने के लायक ही नहीं रहेंगे।
Next Story