उत्तराखंड

दूसरे राज्यों से कांवड़ लेकर आना है तो करें यह काम, इसके बिना उत्तराखंड में प्रवेश नहीं, जल्दी पढ़ें पूरी खबर

Gulabi Jagat
10 July 2022 9:43 AM GMT
दूसरे राज्यों से कांवड़ लेकर आना है तो करें यह काम, इसके बिना उत्तराखंड में प्रवेश नहीं, जल्दी पढ़ें पूरी खबर
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हरिद्वार में मेले से पूर्व ही पहुंचने लगे कांवड़िये
Kanwar Yatra 2022: यूपी-दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों से उत्तराखंड आने के लिए कांवड़ियों के लिए रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू की गई है। कांवड़ियों को उत्तराखंड प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है। कावड़ यात्रा के लिए पुलिस मुख्यालय की ओर से रजिस्ट्रेशन पोर्टल बनाया गया है। जिस पर कांवडियो को पंजीकरण कराना होगा।
डीजीपी अशोक कुमार ने श्रद्धालुओं से पंजीकरण कराकर कावड़ यात्रा में आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि कावड़ यात्रा को सुरक्षित और सुगम्य बनाने के लिए रजिस्ट्रेशन की पहल की गई है। डीजीपी कुमार ने कहा कि कांवड़ यात्रा के लिए सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए गए हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों को किसी भी परेशानी से बचाने के लिए पुलिस फोर्स अलर्ट मोड पर है।
यहां करें रजिस्ट्रेशन
कांवड मेला-2022 में पड़ोसी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड पुलिस द्वारा रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल बनाया गया है। https://policecitizenportal.uk.gov.in/Kavad खोला गया है। वहीं, पोर्टल के माध्यम से तमाम सुविधाएं उपलब्ध होगी।
हरिद्वार में मेले से पूर्व ही पहुंचने लगे कांवड़िये
कांवड़ मेले की विधिवत शुरुआत 14 जुलाई से होनी है, लेकिन हरकी पैड़ी से गंगा जल लेने के लिए कांवड़ियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। शनिवार को कांवड़ पटरी पर काफी संख्या में कांवड़ियों की आवाजाही बनी रही। कांवड़ को लेकर जिला प्रशासन अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। 14 जुलाई से होने वाले कांवड़ मेला शुरु हो जाएगा।
दो वर्ष तक कोविड पाबंदियों के चलते कांवड़ मेला नहीं हो पाया था। जिला प्रशासन का अनुमान है कि इस बार कांवड़ियों की संख्या चार करोड़ को पार कर सकती है। मेले से एक सप्ताह पूर्व ही कांवड़ियों का हरिद्वार से जल भरकर अपने क्षेत्र के शिवालयों की ओर निकलने भी लगे हैं।
रविवार को राजस्थान के डोसा जिले के बांदीगुज गांव से तीन कांवड़िए संजय, नीरज, संदीप गंगाजल भरकर राजस्थान को रवाना हुए। उन्होंने बताया कि हरिद्वार से करीब साढ़े पांच सौ किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर अपने गांव के शिवालय में जलाभिषेक करेंगे। लुधियाना से आए नंदू ने बताया कि वह पंद्रहवीं बार कांवड़ लेकर जा रहे हैं।
कोरोना महामारी के चलते दो साल तक कांवड़ यात्रा नहीं चली इस बार यात्रा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हरियाणा के रिवाड़ी से आए मोनू सिंह ने बताया कि वह 13 वीं बार कांवड़ लेकर निकले हैं। कांवड़ यात्रा को लेकर शिव भक्तों में अभी से काफी उत्साह दिखाई दे रहा है।
ऋषिकेश शहर में कांवड़ियों के प्रवेश पर प्रतिबंध
कांवड़ यात्रा गुरु पूर्णिमा के दिन 14 जुलाई से आरंभ होगी। ट्रैफिक-सुरक्षा व्यवस्था सुचारु रखने के लिए ऋषिकेश पुलिस ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। तहसील में पुलिस क्षेत्राधिकारी कार्यालय में कांवड़ यात्रा की तैयारी के मद्देनजर पुलिस अधीक्षक देहात कमलेश उपाध्याय ने अधीनस्थों की बैठक ली। इसमें शहर के ट्रैफिक से लेकर सुरक्षा व्यवस्था की चुनौती से निपटने की तैयारी पर चर्चा की गई।
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