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उत्तराखंड | आर्यसमाज हल्द्वानी के वेद प्रचार कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत वैदिक यज्ञ के साथ हुई. पहले सत्र में फर्रुखाबाद से आए आर्य उपदेशक आचार्य चन्द्रदेव महाराज ने कहा कि परमात्मा ने मनुष्य को सर्वश्रेष्ठ प्राणी के रूप में बनाया.
इसी जीवन में मनुष्य उत्तम कर्म करके देव या ऋषि बन सकता है. और यहीं वह असुर भी बन सकता है. देव बनने के लिए ज्ञान की आवश्यकता होती है तो राक्षस बनने के लिए किसी ज्ञान की आवश्यकता नहीं है. प्रत्येक ज्ञानेंद्रिय जब विचार पूर्वक उन्नत ज्ञान प्राप्त करती है तो वह ऋषि बनने की ओर बढ़ती हैं. पांच ज्ञानेंद्रिय के साथ बुद्धि, विचार के लिए और मन संकल्प के लिए दिए हैं. मुख्य यजमान आर्य प्रतिनिधि सभा उत्तराखंड के वरिष्ठ उपप्रधान डॉ. विनय खुल्लर एवं ममता खुल्लर रहे. कार्यक्रम का संचालन आर्य समाज के अध्यक्ष एवं अंतरराष्ट्रीय वैदिक विद्वान डॉ. विनय विद्यालंकार ने किया. इस दौरान धर्माचार्य विनोद आर्य, राजकुमार राजोरिया, मुकेश खन्ना, रविकांत महेश्वरी, मनजीत वालिया, कृष्णा देवी, ढाल कुमारी शर्मा, सोबरन शर्मा, संतोष भट्ट, पीयूष आर्य, मुनेश आर्य, राकेश गुप्ता, हरिश्चंद्र पन्त एवं यमुनादत्त बेलवाल मौजूद रहे.
नंदा देवी महोत्सव के लिए कमेटी का गठन
नंदा देवी महोत्सव की तैयारी को लेकर पौराणिक देवी मंदिर में हुई कमेटी की बैठक में पांच सदस्यीय कोर कमेटी का गठन किया गया. जिसमें कंचन सुयाल, रोहित जोशी, लोकेश जोशी, योगेश कुमार, आयुष कुमार को कोर कमेटी में चुना गया. तरुण जोशी व कैलाश सुयाल को संरक्षक नियुक्त किया गया. निर्णय लिया गया कि इस वर्ष नंदा देवी महोत्सव व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन रामलीला मैदान में किया जाएगा. बैठक में मोहन कपिल, इंदर कपिल, दीपेश आदि रहे.
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