उत्तराखंड

मेधावी बनना चाहते हैं आइएएस अफसर, विज्ञानी और इंजीनियर

Gulabi Jagat
18 July 2022 11:35 AM GMT
मेधावी बनना चाहते हैं आइएएस अफसर, विज्ञानी और इंजीनियर
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अंतरिक्ष विज्ञानी बनना चाहती हैं प्रभजोत कौर
देहरादून: सीआइएससीई का 10वीं (आइसीएसई) का परीक्षा परिणाम जारी होने के साथ ही मेधावी छात्र-छात्राओं ने भविष्य की योजनाओं का खाका खींचना शुरू कर दिया है। बात करियर की करें तो अधिकांश मेधावी शोध, चिकित्सा और तकनीकी के क्षेत्र में जाना चाहते हैं। कुछ का लक्ष्य आइएएस अधिकारी बनकर समाज की सेवा करना है। इसके लिए उन्होंने अभी से तैयारी भी शुरू कर दी है।
आइएएस बनना चाहती हैं वृदिका
समरवैली स्कूल की टापर वृदिका त्यागी सिविल सेवा में करियर बनाना चाहती हैं। 99 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण हुई वृदिका ने अंग्रेजी में 97, हिंदी में 99, गणित में 100, कंप्यूटर साइंस में 100 और विज्ञान में 99 अंक प्राप्त किए हैं। वृदिका ने बताया कि वह प्रतिदिन सात से आठ घंटा पढ़ाई करती हैं। स्कूल में जिस विषय की पढ़ाई होती है, वह उसका रिवीजन जरूर करती हैं। सिविल सेवा में जाने की इच्छा की वजह पूछे जाने पर वृदिका ने कहा कि आइएएस अधिकारी समाज के हर वर्ग की सेवा करने में सक्षम होते हैं।
अंतरिक्ष विज्ञानी बनना चाहती हैं प्रभजोत कौर
समरवैली स्कूल में 98.8 प्रतिशत अंक प्राप्त कर दूसरे स्थान पर रहीं प्रभजोत कौर विज्ञानी बनना चाहती हैं। प्रभजोत ने हिंदी में 99, अंग्रेजी में 98, गणित में 100, विज्ञान में 96 और कंप्यूटर साइंस में 100 अंक प्राप्त किए हैं। प्रभजोत ने कहा कि वह भविष्य में अंतरिक्ष विज्ञानी बनना चाहती है। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि यह अलग तरह का क्षेत्र है। इससे न सिर्फ बेहतर करियर बनाने का अवसर, बल्कि देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का मौका भी मिलता है। कल्पना चावला उनकी प्ररेणास्रोत हैं।
इंजीनियरिंग में करियर बनाएंगे प्रणव भट्ट
98 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले सेंट ज्यूड्स एकेडमी के मेधावी प्रणव भट्ट कंप्यूटर इंजीनियरिंग में करियर बनाना चाहते हैं। उनकी 12वीं के बाद कंप्यूटर सांइस से बीटेक करने की योजना है। इसके लिए उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी है। प्रणव ने कंप्यूटर साइंस में 100, विज्ञान में 100, गणित में 100, हिंदी में 97 और अंग्रेजी में 91 अंक प्राप्त किए हैं। प्रणव ने बताया कि वह बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए प्रतिदिन पांच घंटे पढ़ाई करते थे।
ब्राइटलैंड्स स्कूल में 97 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले विनायक पुरी आगे चलकर चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं। विनायक ने अंग्रेजी में 93, हिंदी में 93, गणित में 98, विज्ञान में 96 और कंप्यूटर साइंस में 99 अंक प्राप्त किए। विनायक ने बताया कि वह कुशल चिकित्सक बनकर समाज सेवा करना चाहते हैं। विनायक ने कहा कि एक चिकित्सक जाति, धर्म, क्षेत्र और समुदाय नहीं देखता। यह पेशा नौकरी के साथ जनसेवा से भी जुड़ा है।

सोर्स: दैनिक जागरण
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