उत्तराखंड
'सिस्टम की लाचारी' में कैसे होगा प्रभावी नियंत्रण, देहरादून में बढ़ रहे हैं डेंगू के मामले
Gulabi Jagat
5 Aug 2022 8:16 AM GMT
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देहरादून न्यूज
देहरादून/काशीपुर: राजधानी देहरादून में डेंगू (dehradun dengue news) के मामले बढ़ते जा रहे हैं. कुछ दिनों पहले इंदिरा नगर के 51 वर्षीय पुरुष में डेंगू की पुष्टि होने के बाद देहरादून में डेंगू के दो और मामले सामने आए हैं. डालनवाला क्षेत्र के रहने वाले 16 वर्षीय पुरुष और माजरा क्षेत्र क्षेत्र की 38 वर्षीय महिला में डेंगू की पुष्टि हुई है. स्वास्थ विभाग के अनुसार जहां डेंगू के मामले पाए गए हैं, उन क्षेत्रों में सोर्स रिडक्शन और फॉगिंग की जा रही है. इसके अलावा जिन क्षेत्रों में डेंगू के मामले सामने आए हैं. वहां पर विभाग की ओर से निगरानी बरती जा रही है.
विभाग के अनुसार जिस घर में डेंगू के केस पाए गए हैं, वहां परिवार के किसी सदस्य को बुखार के लक्षण नहीं मिले हैं. स्वास्थ्य महकमा और नगर निगम की टीमें संयुक्त रूप से डेंगू के प्रभावी नियंत्रण के लिए निरोधात्मक कार्रवाई करते हुए लार्वा साइट और इंसेक्टिसाइड का छिड़काव और फॉगिंग अभियान चला रही हैं. इसके अलावा आशा वर्करों का भी सहयोग लिया जा रहा है. देहरादून के जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी सुभाष जोशी के अनुसार डेंगू के पाए गए दोनों मरीज स्वस्थ हैं और घर पर ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं.
देहरादून में बढ़ रहे हैं डेंगू के मामले.
इस बार डेंगू के बढ़ने की प्रबल संभावनाएं: मॉनसून के बीच देहरादून में डेंगू के बढ़ने की प्रबल संभावनाएं जताई गई हैं. बता दें, 2016 में डेंगू के 1434 मामले सामने आए थे, जबकि 2019 में करीब 4951 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई थी. ऐसी स्थिति थी कि घर घर का सदस्य बीमार था. माना जा रहा है कि हर तीसरे साल डेंगू का विस्तृत रूप देखने को मिलता है. इस बार डेंगू के केस बढ़ सकते हैं लेकिन विभाग की ओर से डेंगू निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है.
दो अधिकारियों का तबादला भी बन सकता है वजह: करीब दो माह पूर्व जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी के अधीन काम कर रहे दो सहायक जिला वेक्टर जनित रोग अधिकारियों के प्रमोशन के चलते तबादले हो गए. एक अधिकारी को उत्तरकाशी, जबकि दूसरे अधिकारी को पौड़ी भेज दिया गया. ऐसे में मैन पावर की कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग को इस बार देहरादून में डेंगू की रोकथाम को लेकर बड़ी चुनौती सामने नजर आ रही है. इस संबंध में जिले के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी सुभाष जोशी ने डीजी हेल्थ को पत्र लिखकर तत्काल ही उत्तरकाशी के सहायक जिला वेक्टर जनित रोग अधिकारी को देहरादून वापस बुलाए की मांग की है. इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी जैसी ठंडी जगह में डेंगू की संभावनाएं शून्य हैं. इसलिए देहरादून में डेंगू के बढ़ने की संभावनाओं को देखते हुए उन्होंने डीजी हेल्थ को पत्र लिखकर उत्तरकाशी में ट्रांसफर किए गए वेक्टर जनित रोग अधिकारी को देहरादून में संबद्ध किए जाने का आग्रह किया है, ताकि देहरादून में डेंगू को बढ़ने से रोका जा सके.
देहरादून में इस बार डेंगू के बढ़ रहे मामले कैसे रुकेंगे इसको लेकर संशय की स्थिति है. क्योंकि जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) के तहत डेंगू, मलेरिया, फाइलेरिया, कालाजार जैसी बीमारियों को नियंत्रित किया जाता है. ऐसे में देहरादून उत्तराखंड की राजधानी है लेकिन यह विभाग न्यून संसाधनों में काम कर रहा है.
विभाग में ड्राइवर है लेकिन वाहन उपलब्ध नहीं: दरअसल, मलेरिया अधिकारी के अंडर तीन वाहन चालक तैनात हैं. जिनके वेतन का भुगतान मलेरिया हेड के माध्यम से किया जाता है लेकिन इस विभाग में वाहन तक उपलब्ध नहीं है. डेंगू निरोधात्मक अभियान पर जाने के लिए अक्सर जिला वेक्टर जनित रोग अधिकारी को वाहन की उपलब्धता को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से गुहार लगानी पड़ती है. ऐसे में डेंगू की रोकथाम को लेकर विभाग के पास वाहन होना जरूरी है ताकि डेंगू नियंत्रण में प्रभावी कार्रवाई हो सके.
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत (Health Minister Dhan Singh Rawat) ने साफ किया है कि फिलहाल प्रदेश में डेंगू के कम मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन फिर भी अगले दो से तीन महीनों में डेंगू के बढ़ने के आसार हैं. बीते सालों के रिकॉर्ड को देखते हुए सितंबर और अक्टूबर में डेंगू के बढ़ने की संभावना ज्यादा रहती है. इसलिए सभी विभाग डेंगू की रोकथाम को लेकर अपने स्तर से कार्य कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों में डेंगू मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्थाएं की गई हैं.
काशीपुर में कोरोना मरीज: पिछले दो दिनों के भीतर काशीपुर में राजकीय कन्या इंटर कॉलेज की 12 से अधिक छात्राओं के कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है. स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अमरजीत साहनी के मुताबिक रैंडम टेस्ट के दौरान ये नतीजे आये हैं. हालांकि, डॉ साहनी का यह भी कहना है कि इन छात्राओं को खांसी जुकाम की शिकायत थी. टेस्ट करने पर कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आई है. एहतियात के तौर पर इन्हें आइसोलेट कर दिया गया है. अब तक 350 छात्राओं का सैंपल लिया जा चुका है.
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Gulabi Jagat
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