नगर पंचायत और पालिकाओं में बदलेगी हाउस टैक्स प्रणाली
देहरादून न्यूज़: प्रदेश के नगर निगमों में लागू हाउस टैक्स की स्वकर प्रणाली इस साल से सभी नगर पालिका और नगर पंचायतों में भी लागू होने जा रही है. इस प्रणाली के तहत लोग अपने हाउस टैक्स का खुद निर्धारण करेंगे. अब तक यह काम निकायों के द्वारा किया जाता था.
राज्य के सभी नगर निगमों में भवन कर निर्धारण के लिए स्वकर प्रणाली लागू है. इससे निगमों की आय में तीन से चार गुना तक बढ़ोतरी हुई है. इसके बाद सरकार नगर पालिका और नगर पंचायतों के लिए भी स्वकर प्रणाली लागू करने की दिशा में काम कर रही है, इसके लिए ऐक्ट में संशोधन का काम साल भर पहले ही हो चुका है. अब केंद्र सरकार ने भी निकायों को वित्त आयोग की सहायता उपलब्ध कराने के लिए, टैक्स सुधार लागू करने की शर्त जोड़ दी है. इस कारण शहरी विकास विभाग इसी साल से सभी नगर पालिका और नगर पंचायत में स्वकर प्रणाली लागू करने जा रहा है. इससे नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं की आर्थिक स्थिति सुधरेगी
ऐसे समझें स्वकर प्रणाली को
नगर पंचायत और पालिका में स्वकर प्रणाली लागू होने पर लोग भवन के कारपेट एरिया और क्षेत्रवार तय दरों के आधार पर खुद कर का मूल्यांकन कर सकेंगे. नगर निगमों में स्वकर निर्धारण के लिए सड़कों और भवनों की तीन- तीन श्रेणियां तय हैं. सड़कों का मानक 12 मीटर से कम, 12 से 24 मीटर और 24 मीटर से अधिक चौड़ाई तय है, इसी प्रकार भवन आरसीसी, अन्य पक्का और कच्चा भवन निर्धारित हैं. इसके हिसाब से कारपेट एरिया का रेट तय होता है. जबकि मौजूदा टैक्स प्रणाली में निकाय कर्मी सर्वे के आधार पर टैक्स का निर्धारण करते हैं, जिसमें विवाद की गुंजाइश बनी रहती है.
नगर निगमों में स्वकर प्रणाली के बेहतर नतीजे आए हैं. इस सुधार को नगर पालिका और पंचायतों में भी लागू किया जाना है, यह काम प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है.
-नवनीत पाण्डे, अपर सचिव शहरी विकास