नैनीताल: नैनीताल होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने बढ़ते बिजली के दामों को लेकर विरोध जताया है। उन्होंने इस संबंध में उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग द्वारा रुद्रपुर में हुई जनसुनवाई में अपना पक्ष रखा। जिसमें उन्होंने कहा है कि आयोग द्वारा हाल ही में बिजली दरों में बढ़ोतरी की गई है, जो कि न्याय संगत नहीं है।
एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट ने बताया कि समय-समय पर बिजली दरों में अलग अलग तरीके से बढ़ोतरी की जा रही है, जिसका पर्यटन उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि कोविड-19 महामारी के दौरान यह उद्योग घाटे से उबर रहा है। कहा कि कुछ वर्षों में बिजली दरों में कई बार वृद्धि की जा चुकी है।
व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में स्वीकृत लोड पर फिक्स्ड चार्ज वास्तविक लोड होने पर भी वसूला जाता है। जोकि स्वीकृत व्यय से बहुत कम है, जबकि वास्तविक व्यय स्वीकृत व्यय से अधिक होने पर, यूपीसीएल अतिरिक्त व्यय पर दोगुना बिजली शुल्क वसूलता है। तार्किक रूप से, निर्धारित शुल्क वास्तविक मांग के अनुसार लगाया जाना चाहिए न कि स्वीकृत व्यय पर।
उपभोक्ता को वास्तविक खपत से अधिक भुगतान करने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही हर 2 माह में नियमित रूप से बिल भेजा जाना चाहिए। उन्होंने आग्रह किया है कि फिक्स चार्ज, एडिशनल परचेज सरचार्ज, फ्यूल सरचार्ज आदि जैसे चार्जेज की बहुलता को खत्म किया जाए और बिजली मीटर में दर्शाई गई वास्तविक खपत को ही चार्ज किया जाए।