नैनीताल: नैनीताल हाईकोर्ट ने लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सख्त रूख अपनाया है। कोर्ट ने इस पर सरकार को दो महीने में प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति के आदेश दिए हैं।
दो महीने में की जाए प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति
हाईकोर्ट ने प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर कड़ा रूख अपनाया है। कोर्ट ने इस पर सरकार को आठ हफ्तों में लोकायुक्त की नियुक्त करने का आदेश दिया है। इस मामले में हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ये आदेश दिए हैं।
हल्द्वानी निवासी रवि शंकर जोशी ने दायर की थी याचिका
प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति ना होने के कारण हल्द्वानी गौलापार निवासी रवि शंकर जोशी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने अब तक लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की गई है। जबकि संस्थान के नाम पर वार्षिक दो से तीन करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं।
इस याचिका में कहा गया था कि लोकायुक्त द्वारा कर्नाटक और मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जा रही है। लेकिन उत्तराखंड में कई विभागों में घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं। लोकायुक्त की नियुक्ति ना होने के कारण छोटे से छोटा मामला हाईकोर्ट में लाना पड़ रहा है।
राज्य की सभी जांच एजेंसी हैं सरकार के अधीन
इस जनहित याचिका में कहा गया है कि प्रदेश की सभी जांच एजेंसी सरकार के अधीन हैं। जिसका पूरा नियंत्रण राज्य के राजनैतिक नेतृत्व के हाथों में है।
उन्होंने इस याचिका में कहा गया है कि उत्तराखंड में ऐसी जांच एजेंसी नहीं है जिसके पास यह अधिकार हो कि वह बिना शासन की पूर्वानुमति के किसी भी राजपत्रित अधिकारी के विरुद्ध भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कर सके।
इसके साथ ही ऐसा भी कहा गया है कि विजिलेंस विभाग भी राज्य पुलिस का ही हिस्सा है, जिसका सम्पूर्ण नियंत्रण पुलिस मुख्यालय, सतर्कता विभाग या मुख्यमंत्री कार्यालय के पास रहता है।