उत्तराखंड

उत्तराखंड-चीन सीमा तक बनेगी हाईटेक सड़क, चिनूक हेलीकॉप्टर से पहुंचाई गई हेवीवेट मशीनें

Deepa Sahu
10 March 2022 4:03 PM GMT
उत्तराखंड-चीन सीमा तक बनेगी हाईटेक सड़क, चिनूक हेलीकॉप्टर से पहुंचाई गई हेवीवेट मशीनें
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भारत की चीन सीमा तक पहुंच आसान बनाने के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है।

पिथौरागढ़: भारत की चीन सीमा तक पहुंच आसान बनाने के लिए कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। पिथौरागढ़ में मुनस्यारी से मिलम के बीच सड़क बनाई जा रही है। सड़क निर्माण का बीड़ा बीआरओ ने उठाया है। बीआरओ ने 2023 तक मुनस्यारी-मिलम सड़क को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस रोड के निर्माण से चीन सीमा तक सुरक्षा बलों की आवाजाही सुगम होगी। साथ ही आपात स्थिति में अग्रिम चौकियों तक रसद और अन्य सैन्य साजोसामान की आपूर्ति भी आसानी से की जा सकेगी। बता दें कि लगभग 65 किमी लंबी मुनस्यारी-मिलम सड़क का निर्माण कार्य बीआरओ (बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन) ने 2008 में शुरू किया था। वर्ष 2015 तक सड़क का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। फिर इसे बढ़ाकर वर्ष 2021 किया गया, लेकिन विषम हालात के कारण सड़क का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। उच्च हिमालयी क्षेत्र से होकर चीन सीमा के लिए बन रही सड़क का निर्माण आसान नहीं है।

यहां का मौसम भी हर साल सड़क कटिंग के कार्य में बाधक बन जाता है। अब बीआरओ ने इस सड़क को वर्ष 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इस सड़क का निर्माण मुनस्यारी और मिलम दोनों ओर से किया जा रहा है। मिलम से घोड़ालोटन तक 27 किलोमीटर, जबकि मुनस्यारी की ओर से धापा से रेलगाड़ी तक 21 किमी सड़क काटी जा चुकी है। अब 17 किलोमीटर सड़क काटी जानी शेष है। सामरिक महत्व की मुनस्यारी-मिलम सड़क कटिंग के लिए अत्याधुनिक मशीनों की मदद ली जा रही है। इन मशीनों को सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से पहुंचाया गया है। मुनस्यारी-मिलम रोड के बनने से सेना के साथ-साथ पर्यटकों को भी फायदा होगा। ट्रेकर व अन्य पर्यटक मिलम ग्लेशियर तक आसानी से पहुंच सकेंगे। हाल के वर्षों में भारत ने चीन सीमा तक पहुंच बनाने के लिए तेजी से सड़कों का निर्माण शुरू किया है। उत्तराखंड की 350 किलोमीटर सीमा चीन से लगी हुई है। चीन सीमा से पिथौरागढ़, चमोली और उत्तरकाशी जिले जुड़े हुए हैं।
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