
भारी बारिा के अलर्ट को देखते हुए राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
मौसम विज्ञान विभाग की ओर से 19 जुलाई को कुमाऊं मंडल के जिलों और इससे लगते गढ़वाल मंडल के जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसके देखते हुए सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के संयुक्त सचिव एवं ड्यूटी ऑफिसर जयलाल शर्मा की ओर से जिलों को जारी पत्र में कहा गया है कि संभावित आपातकालीन स्थिति को देखते हुए प्रत्येक स्तर पर सावधानी, सुरक्षा और आवागमन में नियंत्रण बरता जाए।
सभी विभागों के अधिकारी आपस में समन्वय बनाएं। इस दौरान आपदा प्रबंधन आईआरएस प्रणाली के नामित सभी अधिकारी एवं विभागीय नोडल अधिकारी हाई अलर्ट पर रहेंगे। एनएच, लोनिवि, पीएमजीएसवाई, एडीबी, बीआरओ, डब्ल्यूबी, सीपीडब्लूडी आदि विभाग किसी भी मोटर मार्ग के बाधित होने पर तत्काल उसे खोलने की कार्रवाई करेंगे।
इसके अलावा सभी राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में बने रहेंगे। सभी चौकी-थाने आपदा संबंधी उपकरणों एवं वायरलेस सहित हाई अलर्ट पर रहेंगे। कहीं पर भी आपदा की दृष्टि से यदि कोई फंस जाता है तो जिला प्रशासन की ओर से उसके लिए खाने-पीने और मेडिकल की व्यवस्था की जाएगी।
तीन माह की अग्रिम राशन गोदामों में पहुंचाया
राज्य में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के तहत 197 खाद्यान्न गोदाम संचालित हैं। मानसून में अत्यधिक वर्षा की संभावना को देखते हुए राज्य में पर्वतीय जिलों में 69 खाद्यान्न गोदाम चिन्हित किए गए हैं। इनमें सड़क मार्ग के बंद होने की आशंका बनी रहती है। ऐसे सभी 69 खाद्यान्न गोदामों में मानसून काल के तीन माह (जून, जुलाई, अगस्त) के अग्रिम खाद्यान्न भेजा जा चुका है। यह जानकारी राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से दी गई।
बदरीनाथ हाईवे का 20 मीटर पुश्ता क्षतिग्रस्त
बदरीनाथ हाईवे पर बेनाकुली में ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत निर्मित करीब 20 मीटर सीमेंट का पुश्ता क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे यहां यात्रा वाहनों की आवाजाही में दिक्कतें आ रही हैं। खचड़ा नाला और लामबगड़ नाले में भी हाईवे की स्थिति खतरनाक बनी हुई है। पिछले एक सप्ताह से रुक-रुककर हो रही बारिश से बदरीनाथ हाईवे बेहद खस्ताहाल में पहुंच गया है। जगह-जगह भूस्खलन होने से हाईवे पर मलबे के ढेर लगे हैं।
सीमा सड़क संगठन की ओर से जिन जगहों पर ऑलवेदर रोड की अधूरी हिल कटिंग की गई है, वहां से पहाड़ियां दरक रही हैं। टैय्या पुल से रडांग बैंड तक हाईवे पर पुश्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जोशीमठ संघर्ष समिति के प्रवक्ता कमल रतूड़ी का कहना है कि ऑलवेदर रोड के तहत हो रहे कार्यों में गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है। करोड़ों की लागत से बना पुश्ता एक बरसात भी नहीं झेल पाया है। जिला प्रशासन को ऑलवेदर रोड परियोजना की मॉनीटरिंग करनी चाहिए।