उत्तराखंड

Champawat लोहाघाट में भारी तबाही, दो महिलाओं की मौत व एक छात्र लापता

Tara Tandi
14 Sep 2024 6:22 AM GMT
Champawat लोहाघाट में  भारी तबाही, दो महिलाओं की मौत व एक छात्र लापता
x
Champawat चम्पावत: शुक्रवार को चंपावत जिले के लोहाघाट के सीमांत क्षेत्रों में बारिश के कारण हाहाकार मच गया। नेपाल सीमा से लगे क्षेत्र पंचेश्वर, मटियानी, कॉमलेड़ी आदि क्षेत्रों में बादल फटने से भारी तबाही मची है। लोगों के घर खतरे की जद में आ चुके हैं। मलबे की चपेट में आने से दो महिलाओं की मौत हो गई।
लोहाघाट में बादल फटने से दो की मौत एक लापता
लोहाघाट में बादल फटने के कारण भारी तबाही मच गई है। सीमांत क्षेत्र ढोरजा में गौशाला ढहने से एक महिला की मौत हो गई। तो वहीं मटियानी में बादल फटने से गांव में मलबा आने से एक महिला की उसमें दबकर मौत हो गई। इसके साथ ही एक छात्र लापता बताया जा रहा है। पंचेश्वर में भी हर जगह तबाही नजर आ रही है। पंचेश्वर में ग्रामीणों के खेत-खलिहान बह गए हैं। इसके साथ ही एक बोलेरो व बाइक भी बह गई है।
ऑपरेटर सहित खाई में समाई जेसीबी
चंपावत को पिथौरागढ़ जिले से जोड़ने वाला झूला पुल सरयू नदी के उफान में आने से खतरे की जद में आ गया है। क्षेत्र की सभी सड़कें बह चुकी हैं। जिस कारण ग्रामीणों को प्रशासनिक मदद भी नहीं मिल पाई है। दिगालीचौड़ में जेसीबी ऑपरेटर सहित खाई में समा गया। गनीमत रही कि ऑपरेटर को समय रहते बचा लिया गया। एसडीएम लोहाघाट रिंकु बिष्ट के नेतृत्व में टीमें पैदल आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।
मदद का इंतजार कर रहे हैं ग्रामीण
क्षेत्र के बिजली व मोबाइल सुविधा पूरी तरह बाधित हो चुकी है। तबाही से ग्रामीण काफी दहशत में है और प्रशासनिक मदद का इंतजार कर रहे हैं। टनकपुर पिथौरागढ़ ऑल वेदर सड़क पूरी तरह बंद है। बारिश ने कारण पूरे चंपावत जिले में भारी नुकसान हुआ है। क्षेत्र की सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
जहां सड़कें बह चुकी हैं वहां पैदल पहुंच रही हैं टीमें
आपदा प्रशासन के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को जल्द से जल्द आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचकर ग्रामीणों को मदद देने के निर्देश दिए हैं। डीएम चंपावत नवनीत पांडे ने कहा प्रशासन की टीम आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पहुंच रही हैं और ग्रामीणों को मदद पहुंचाई जा रही है। उन्होंने बताया कि जहां सड़कें बह चुकी हैं वहां टीमें पैदल पहुंच रही हैं।
Next Story