नैनीताल। हाईकोर्ट ने नंधौर, गौला कोसी, गंगा, दाबका में जलभराव व बाढ़ से नदियों के मुहाने अवरुद्ध होने से अबादी क्षेत्रों में भूकटाव को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की। इस मामले में राज्य सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है, साथ ही मामले की अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी।
मंगलवार को मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने याचिका पर सुनवाई की। मामले के अनुसार चोरगलिया निवासी भुवन चन्द्र पोखरिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि राज्य में बारिश की वजह से नदियां उफान पर हैं, नदियों के मुहाने अवरुद्ध होने से बाढ़ व भूकटाव हो रहा है।
इस वजह से आबादी क्षेत्रों में जलभराव हो रहा है। हजारों हेक्टेयर वन भूमि, पेड़, सरकारी योजनाएं बह गई हैं। चैनलाइजेशन नहीं होने से नदियां आबादी की ओर रुख कर रही हैं। इसकी वजह से ऊधम सिंह नगर, हरिद्वार, हल्द्वानी, रामनगर, रुड़की, देहरादून में बाढ़ की स्थिति है। इसका मुख्य कारण सरकार की लापरवाही है।
सरकार ने नदियों के मुहानों पर जमा गाद, बोल्डर, मलबा नहीं हटाया है। यह भी बताया कि हाईकोर्ट के 14 फरवरी 2023 के आदेश का भी पालन नहीं किया गया। इसमें सरकार से नदियों को चैनलाइज करने के निर्देश दिए गए थे।