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उत्तराखंड में कोरोना लगातार पैर पसार रहा है
देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना लगातार पैर पसार रहा है. राजधानी देहरादून में आज 1,489 मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है. वहीं, 24 घंटे में उत्तराखंड में कोरोना के 4,964 नए मामले सामने आए हैं. ऐसे में स्वास्थ विभाग ने आरटीपीसीआर जांच का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया है.
कोविड-19 जांच के लिए देहरादून के विभिन्न स्थानों पर स्टैटिक टेस्टिंग सेंटर (static testing center) बनाए जाने की तैयारी की गई है, जिसकी शुरूआत परेड ग्राउंड में बनाए गए स्टेटिक सेंटर से की गई है. इस सेंटर में देहरादून वासी कोविड-19 की जांच करवा सकते हैं. सेंटर पर अपनी जांच कराने आने वाले लोगों से विभाग कोविड-19 के गाइडलाइन के पालन की भी अपील कर रहा है.
परेड ग्राउंड में आज से शुरू हुए स्टैटिक टेस्टिंग सेंटर के बाद स्वास्थ विभाग शहर के अन्य स्थानों में भी इसी तरह के सेंटर खोलने जा रहा है. देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज उप्रेती ( CMO Dr. Manoj Upreti) का कहना है कि कोरोना संक्रमण अभी इतना ज्यादा घातक नहीं है, इसलिए स्वास्थ विभाग थोड़ी राहत महसूस कर रहा है लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को विभाग गंभीरता से ले रहा है.
डॉ. मनोज उप्रेती ने कहा है कि देहरादून के सभी अस्पताल कोरोना मरीजों के इलाज के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. उन्होंने कहा कि शहर के प्रमुख बड़े अस्पतालों में कोरोना मरीज भर्ती किए जा रहे हैं . हालांकि, इन अस्पतालों में मरीजों को भर्ती होने की दर काफी कम है. आईसीयू में ऐसे मरीज भर्ती हो रहे हैं, जिन्हें पूर्व में कैंसर, टीबी, सिरोसिस और अनियंत्रित मधुमेह की शिकायतें रही हैं.
सीएमओ उप्रेती ने कहा है कि कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आरटीपीसीआर जांच बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के लिए शहर की कुछ जगहों पर वोट बनाए जा रहे हैं. यहां कोई भी व्यक्ति जाकर अपना आरटीपीसीआर का सैंपल दे सकता है.
हेल्पलाइन नंबर जारी: परेड ग्राउंड में निःशुल्क कोरोना टेस्टिंग सेंटर स्थापित किया गया है, जिसमें लोग सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक अपना सैंपल दे सकते हैं. साथ ही जनपद के 60 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ और कोमॉर्बिड नागरिकों, जो सेशन साइट तक आने में असमर्थ हैं, उनके लिए प्रिकॉशन डोज (Precaution Dose for corona) के लिए हेल्पलाइन नंबर 7253878317 जारी किया गया है, जिस पर (केवल व्हाट्सएप) पर संपर्क किया जा सकता है, ताकि ऐसे नागरिकों को मोबाइल टीम के माध्यम से घर-घर जाकर टीकाकरण किया जा सके.
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