उत्तराखंड

मनसा देवी में रोप-वे संचालन पर HC सख्त, राज्य सरकार से तीन सप्ताह में मांगा जवाब

Shantanu Roy
10 Nov 2021 10:00 AM GMT
मनसा देवी में रोप-वे संचालन पर HC सख्त, राज्य सरकार से तीन सप्ताह में मांगा जवाब
x
उत्तराखंड हाई कोर्ट में आज हरिद्वार के मनसा देवी के लिए संचालित केबल कार रोप-वे के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई की. वहीं, इस मामले को सुनने के बाद राज्य सरकार, वन विभाग, नगर निगम हरिद्वार व रोप-वे का संचालन करने वाली कंपनी को कोर्ट ने तीन सप्ताह ने जवाब पेश करने के आदेश दिये हैं.

जनता से रिश्ता। उत्तराखंड हाई कोर्ट में आज हरिद्वार के मनसा देवी के लिए संचालित केबल कार रोप-वे के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई की. वहीं, इस मामले को सुनने के बाद राज्य सरकार, वन विभाग, नगर निगम हरिद्वार व रोप-वे का संचालन करने वाली कंपनी को कोर्ट ने तीन सप्ताह ने जवाब पेश करने के आदेश दिये हैं. कोर्ट ने कहा कि फोरेस्ट एक्ट में प्रतिबंधित होने के बावजूद भी टाइगर रिजर्व एरिया में रोप-वे का व्यवसायिक कार्य कैसे किया जा रहा है.बता दें कि आज उत्तराखंड हाई कोर्ट ने हरिद्वार में मनसा देवी के लिए संचालित केबल कार रोप-वे के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश आरएस चौहान व न्यायमूर्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई. हरिद्वार निवासी अश्वनी शुक्ला ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि 1983 में उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर पालिका परिषद हरिद्वार को पत्र लिखकर कहा था कि मनसा देवी मंदिर के लिए स्वयं एक केबल कार का संचालन करें और किसी अन्य संस्था को इसे चलाने की अनुमति न दें.

केबल कार के संचालन के बाद मनसा देवी मंदिर 1986 में राजाजी नेशनल पार्क के अंदर आ गया फिर 2015 में यह क्षेत्र रिजर्व टाइगर फॉरेस्ट एरिया में आ गया. याचिकाकर्ता का कहना है कि इंडियन फॉरेस्ट एक्ट व कंजर्वेशन ऑफ फॉरेस्ट एक्ट में स्पस्ट रूप से लिखा हुआ है कि इन क्षेत्रों में किसी भी तरह की व्यवसायिक गतिविधियां नहीं की जा सकती है जबकि, नगर निगम ने इस रोप-वे का संचालन स्वयं नहीं किया जा रहा है. इसका संचालन किसी अन्य कम्पनी के द्वारा 3 करोड़ रुपये सालाना पर किया जा रहा है. इसके संचालन हेतु नगर निगम ने सरकार, पर्यावरण मंत्रालय व वाइल्ड लाइफ बोर्ड से अनुमति तक नहीं ली है. इसलिए इस पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाई जानी चाहिए.


Next Story