उत्तराखंड

मंगलौर थाने में राज्यपाल की फ्लीट की कार्डियक एंबुलेंस 'कैद', जानिए क्या है पूरा मामला

Renuka Sahu
2 Aug 2022 5:45 AM GMT
Governors fleet cardiac ambulance imprisoned in Mangalore police station, know what is the whole matter
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फाइल फोटो 

दून जिला अस्पताल की कार्डियक एंबुलेंस हादसे के बाद एक माह से मंगलौर थाने में खड़ी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दून जिला अस्पताल की कार्डियक एंबुलेंस हादसे के बाद एक माह से मंगलौर थाने में खड़ी है। इससे दून में वीआईपी, वीवीआईपी ड्यूटी में सामान्य एंबुलेंस भेजी जा रही है। कार्डियक एंबुलेंस में जीवनरक्षक प्रणाली के लिए वेंटीलेटर और डिफिबरीलेटर आदि होते हैं, जिससे आपात स्थिति में इलेक्ट्रॉनिक शॉक देकर या वेंटीलेटर पर रखकर जान बचाई जा सके।

कार्डियक एंबुलेंस का प्रयोग राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के जज और केंद्रीय मंत्रियों की फ्लीट में किया जाता है। 25 जून को दिल्ली से एक मरीज को लेकर लौटने के दौरान एंबुलेंस ओवरटेक करते समय एक ट्रॉले से टकरा गई थी, जिसमें हल्द्वानी के मरीज गोपाल शर्मा की मौत हो गई।
उनकी पत्नी सुनीता शर्मा, फार्मासिस्ट मनोज बहुगुणा एवं चालक सुनील सिंह घायल हो गए थे। एंबुलेंस भी क्षतिग्रस्त हो गई। बाद में मृतक की पत्नी ने मंगलौर थाने में केस दर्ज कराया, जिसके बाद से एंबुलेंस थाने में ही खड़ी है। मृतक की पत्नी सुनीता ने मंगलौर थाने में केस दर्ज कराया कि चालक और फार्मासिस्ट ने कई जगह एंबुलेंस रोककर संदिग्ध गतिविधि की।
आरोप है कि लापरवाही से हादसा हुआ। रुड़की अस्पताल में दोनों के मेडिकल नहीं किए जाने, महिला को रेफर नहीं करने और पोस्टमार्टम रुड़की में नहीं कराने को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
डॉक्टर बदले: घटना के बाद से वाहन संचालन में लगे डॉक्टर को बदलकर उनकी जगह दूसरे डॉक्टर को यह जिम्मेदारी दी गई है। उधर, सूत्रों ने बताया कि एंबुलेंस भेजे जाने की कागजी प्रक्रिया हादसा होने के बाद पुरानी तारीखों में की गई।
महिला की तहरीर में लापरवाही के आरोपों पर फार्मासिस्ट और चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। परिजनों एवं विभागीय अफसर, कर्मचारियों के बयान लिए गए हैं। एंबुलेंस अब कोर्ट से ही रिलीज हो सकेगी।
रफत अली, एसएसआई, मंगलौर कोतवाली
डीजी के आदेश पर एंबुलेंस दिल्ली भेजी गई थी। हादसे में फार्मासिस्ट के हाथ में गंभीर चोट है, उनका ऑपरेशन हुआ है। मुकदमे में क्या आरोप लगाए, इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है। एंबुलेंस छुड़वाने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
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