न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
प्रदेश में कौशल विकास के प्रशिक्षण के बाद संस्थाएं युवाओं को प्रमाणपत्र उपलब्ध कराती हैं, लेकिन उनकी ओर से संबंधित युवाओं को नौकरी की गारंटी नहीं दी जाती।
उत्तराखंड में कौशल विकास का प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं को अब 50 प्रतिशत प्रशिक्षित युवाओं को नौकरी की गारंटी देनी होगी, तभी सरकार उनसे एमओयू करेगी। कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा के मुताबिक इस साल पांच हजार से अधिक युवाओं को स्किल डेवलेपमेंट की ट्रेनिंग दी जानी है। अधिकारियों को निर्देश गए हैं कि प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं से नौकरी की शर्त पर ही एमओयू किया जाए।
प्रदेश में कौशल विकास का प्रशिक्षण देने वाली विभिन्न संस्थाएं 80 से 90 क्षेत्रों में 500 से अधिक कोर्स का प्रशिक्षण देती हैं। कौशल विकास के प्रशिक्षण के बाद संस्थाएं युवाओं को प्रमाणपत्र उपलब्ध कराती हैं, लेकिन उनकी ओर से संबंधित युवाओं को नौकरी की गारंटी नहीं दी जाती।
युवा प्रमाणपत्र लेने के बाद नौकरी की तलाश में इधर से उधर भटकते रहते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। स्किल डेवलपमेंट का काम करने वाली संस्थाओं के साथ इस शर्त को जोड़ा जा रहा है कि उन्हें प्रशिक्षण लेने वाले आधे युवाओं को नौकरी की गारंटी देनी होगी। वहीं, मंत्री ने बताया कि 23 अगस्त को होटल इंडस्ट्री के साथ सरकार एमओयू करने जा रही है।
आईटीआई के टॉप 25 बच्चों को सरकार कराएगी भ्रमण
प्रदेश के आईटीआई के टॉप 25 बच्चों को सरकार विभिन्न राज्यों का भ्रमण कराएगी ताकि आईटीआई के मेधावी छात्र उन राज्यों में जाकर अनुभव साझा कर सकें। बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 2025 तक कितने बेरोजगारों को रोजगार मिला इस पर फोकस करें।
बंद आईटीआई फिर होगी शुरू
प्रदेश में 154 में से 55 आईटीआई अच्छी तरह से चल रही हैं। मंत्री ने इन्हें और बेहतर बनाए जाने के निर्देश दिए। कौशल विकास मंत्री ने कहा कि जिस आईटीआई में बच्चे कम हैं या वह बंद है उन्हें सेटेलाइट सेंटर के रूप में तीन दिन ऑनलाइन और तीन दिन ऑफलाइन माध्यम से चलाया जाएगा। बैठक में सचिव विजय कुमार यादव, निदेशक विनोद गोस्वामी, उप निदेशक चंद्रकांता, संयुक्त निदेशक जेएम नेगी, अनिल कुमार त्रिपाठी, अनिल गुसांई, मयंक अग्रवाल, पंकज कुमार, संजीव कुमार, राजेंद्र वल्दिया आदि मौजूद रहे।
चीफ इंजीनियर देंगे हर सप्ताह आईटीआई में गेस्ट लेक्चर
प्रदेश की चीनी मीलों के चीफ इंजीनियर अब हर सप्ताह आईटीआई में जाकर छात्र-छात्राओं को लेक्चर देंगे। जबकि आईटीआई के छात्र चीनी मिलों में अप्रैंटिस करेंगे। इसके लिए आईटीआई छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र दिया जाएगा।