नैनीताल न्यूज़: उत्तराखंड सरकार वर्ष 2020 - 2021 के दौरान अलग अलग एजेंसियों से कुल 1386 करोड़ की वसूली नहीं कर पाई. हैरानी की बात है कि इसमे कई मामले गलत भुगतान के होने के बावजूद उसकी वसूली नहीं कर पाई. इससे सरकार को सीधा आर्थिक नुकसान हुआ.
विधानसभा के पटल पर रखी गई भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक की रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है. कैग ने राज्य के 55 विभागों, 32 सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और 53 अन्य संस्थाओं की राजस्व वसूली के साथ ही भुगतान की पड़ताल की तो पाया कि विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों को गलत भुगतान हुए. जबकि शुल्क के रूप में जो राशि विभाग को मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिली. रिपोर्ट में कहा गया है कि विभाग इस दौरान सिर्फ साढ़े चार करोड़ की वसूली हो पाई. जबकि शेष 1386 करोड़ की वसूली अभी तक लटकी हुई है. विदित है कि वर्ष 2019- 20 के दौरान राज्य सरकार की कुल राजस्व प्राप्ति 30 हजार 723 करोड़ थी. जो 2020- 21 में बढ़कर 38 हजार 205 करोड़ हो गई.
बकाया एक नजर में:
● नागरिक उड्डयन विभाग हेली कम्पनियों से 2.69 करोड़ की वसूली नहीं कर पाया
● नागरिक उड्डयन विभाग में ही कमजोर आंतरिक नियंत्रण से 64 करोड़ का दोहरा भुगतान
● संस्कृत विभाग से 31 लाख का गलत भुगतान
● पीमजीएसवाई खण्ड कोटद्वार के अधिशासी अभियंता द्वारा 78 लाख का गलत भुगतान
● पर्यटन विकास परिषद, सिंचाई खण्ड हरिद्वार ने स्टाम्प शुल्क की 50 लाख की वसूली नहीं की