उत्तराखंड
गंगा में नहाते समय डूबे थे दिल्ली के चार कांवड़िए, दो युवकों का नहीं चल सका पता
Kajal Dubey
25 July 2022 6:45 PM GMT

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हरिद्वार के भूपतवाला स्थित भारत माता मंदिर के निकट विश्वकर्मा घाट पर गंगा में नहाते समय दिल्ली के चार युवक रविवार को डूब गए। चारों युवक कांवड़ लेने हरिद्वार आए थे। इनमें एक युवक को घाट पर अन्य लोगों ने बमुश्किल बचा लिया। जबकि दूसरे युवक का शव बरामद हो गया। दो का पता नहीं चल सका। चारों दोस्त एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में बहाव की चपेट में आ गए। एसडीआरएफ का सर्च अभियान जारी है।
जानकारी के मुताबिक दिल्ली शाहदरा मानसरोवर निवासी यश गुप्ता (22) पुत्र मुकेश गुप्ता, प्रियांशु श्रीवास्तव (22) पुत्र विनोद श्रीवास्तव, अमन (23) पुत्र विजय कुमार और विनीत उर्फ बिन्नी (19) पुत्र प्रमोद कुमार शनिवार रात करीब डेढ़ बजे हरिद्वार पहुंचे। चारों दोस्त स्कूटी और बाइक से कांवड़ लेने आए थे। हरिद्वार में एक आश्रम में रात में रुकने के बाद चारों रविवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे भारत माता मंदिर के पास विश्वकर्मा घाट पर गंगा में नहाने के लिए चले गए।
गंगा का बहाव काफी तेज था। चारों दोस्त एक-दूसरे का हाथ पकड़कर नहा रहे थे। इस बीच प्रियांशु का पैर फिसल गया और वह बहाव की चपेट में आ गया। उसे बचाने के लिए यश आगे बढ़ा तो वह भी डूबने लगा। यश को बचाने के लिए अमन और बिन्नी भी बहाव की तरफ बढ़े और डूबने लगे। घाट पर अन्य कांवड़िए भी स्नान कर रहे थे। चारों को डूबते देख कुछ कांवड़िए गंगा में कूदे और बिन्नी को बचा लिया। बाकी तीनों लापता हो गए। सूचना पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची।
बिन्नी और घाट पर स्नान करने वाले अन्य कांवड़ियों से जानकारी जुटाई। लेकिन पानी का बहाव काफी तेज होने से एसडीआरएफ काफी देर तक सर्च अभियान शुरू नहीं कर सकी। पुलिस और बिन्नी ने डूबे तीनों दोस्तों के परिजनों को हादसे की जानकारी दी। काफी देर बाद अमन का शव करीब 6 किमी दूर बरामद हो गया। जबकि यश और प्रियांशु का कहीं पता नहीं चला। रविवार देर रात दो बजे युवकों के परिजन हरिद्वार पहुंचे। काफी समय तक जाम में फंसे रहे। अमन के शव परिजन लेकर दिल्ली लौट गए। लेकिन यश और प्रियांशु के परिजन हरिद्वार में ही हैं। एसडीआरएफ और निजी गोताखोर रेेस्क्यू कर दोनों की तलाश कर रहे हैं।
अचानक कांवड़ लेने पहुंचे चारों हरिद्वार
यश के पिता मुकेश गुप्ता ने आरोप लगाया कि एसडीआरफ और पुलिस की ओर से रविवार को कोई मदद नहीं मिली। एसडीआरएफ ने बोट नहीं होने और पुलिस ने कांवड़ मेले की व्यस्तता का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया। लेकिन सोमवार दोपहर बाद रेस्क्यू किया गया। मुकेश गुप्ता ने बताया कि अमन प्राइवेट नौकरी करता था। प्रियांशु आरओ का काम करता है और पिता की दुकान है। यश दिल्ली विवि का छात्र है और पिता की साड़ियों की दुकान है। मुकेश गुप्ता ने बताया कि चारों दोस्तों का हरिद्वार कांवड़ लेने का कार्यक्रम अचानक बना था।
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