उत्तराखंड

पूर्व आयकर आयुक्त ने किया सरेंडर, जानें क्या है पूरा माजरा

jantaserishta.com
22 May 2022 3:54 PM GMT
पूर्व आयकर आयुक्त ने किया सरेंडर, जानें क्या है पूरा माजरा
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राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर गदपुरी टोल प्लाजा पर जिला पलवल व फरीदाबाद के 211 गांव जो टोल प्लाजा से 20 किलोमीटर की दूरी के दायरे में आते हैं। उस क्षेत्र के वाहन धारकों को गदपुरी टोल प्लाजा से आने-जाने के लिए 315 रुपये के मासिक शुल्क पर पास बनाने की सुविधा प्रदान की जा रही है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) दिल्ली-आगरा टोल रोड लिमिटेड के परियोजना प्रमुख वैभव शर्मा ने शनिवार को जारी बयान में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मासिक पास धारक मासिक रिचार्ज कराने के बाद टोल प्लाजा से किसी भी समय कितनी भी बार आ-जा सकते हैं। टोल प्लाजा के मासिक पास बनवाने के लिए वाहन धारक टोल फ्री नंबर-7217017301 व वॉट्सऐप नंबर-9634974084 पर संपर्क कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि टोल प्लाजा से बाइक, ऑटो, कृषि से जुड़े वाहनों का आवागमन निशुल्क रहेगा। इस कदम से लोगों को बड़ी राहत मिली है।
पास बनाने के लिए लगाया जाएगा कैंप
संबंधित राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के प्रतिनिधि टोल फ्री नंबर व वॉट्सऐप नंबर पर बताए गए निर्धारित समय व स्थान पर पहुंचकर कैंप का आयोजन करेंगे, जहां पर वाहन धारक अपने मासिक पास बनवाने के लिए जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर सकते हैं। मासिक पास बनवाने हेतूु कैंप के आयोजन के लिए वाहन धारकों द्वारा समय व स्थान का चयन करना होगा। मासिक पास के लिए वाहन मालिक का सत्यापित स्थायी पता, आधार कार्ड व वाहन की आरसी अनिवार्य है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आखिरकार पूर्व आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन ने सरेंडर कर दिया। श्वेताभ सुमन को रोशनाबाद, हरिद्वार जेल भेज दिया गया है। शुक्रवार को सरेंडर से जुड़ी तमाम औपचारिकताएं पूरी करने के बाद श्वेताभ सुमन को जेल प्रशासन के हवाले कर दिया गया।
श्वेताभ सुमन ने हरिद्वार जेल में ही सरेंडर की औपचारिकताएं पूरी की। अन्य आरोपी डॉ अरुण कुमार सिंह को सुप्रीम कोर्ट 13 मई को ही कुछ समय के लिए सरेंडर से मोहलत दे चुकी है। आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में श्वेताभ सुमन पूर्व में भी हरिद्वार जेल में रह चुके हैं।
बाद में अंतरिम बेल मिलने पर श्वेताभ सुमन को हरिद्वार जेल से ही रिहा किया गया था। 5 मार्च 2022 को श्वेताभ सुमन, डॉ अरुण कुमार सिंह और राजेंद्र विक्रम सिंह के बेल बांड खारिज करते हुए हिरासत में लेने के आदेश दिए थे। श्वेताभ सुमन को पहले सात साल कठोर कारावास और पांच करोड़ के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। पिछले दिनों उच्च न्यायालय ने इसे पांच वर्ष कठोर कारावास कर दिया था।
इस आदेश के खिलाफ श्वेताभ सुमन ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल की। लेकिन कोर्ट ने 22 अप्रैल को विशेष अनुमति याचिका खारिज करते हुए सरेंडर के आदेश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने 13 मई के आदेश में श्वेताभ सुमन व दो अन्य अभियुक्तों को एक सप्ताह के अंदर सरेंडर के आदेश दिए थे। इस आदेश के बाद श्वेताभ सुमन ने समर्पण कर दिया। हरिद्वार जेल प्रशासन ने श्वेताभ सुमन के जेल जाने की पुष्टि की है।
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