पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने रानीखेत राजमार्ग को दुरस्त करने की मांग को लेकर सड़क पर दिया धरना
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अल्मोड़ा न्यूज़: रामनगर-भतरौजखान रानीखेत राजमार्ग की खराब सड़क को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को स्वौराल में बीच सड़क पर बैठकर धरना दिया। इस दौरान उन्होंने 30 मिनट तक मौनव्रत रखा। जिसके बाद हरदा ने कहा कि कांग्रेसराज में इस सड़क को पर्यटन के लिहाज से हाटमिक्स बनाने का काम शुरू हुआ था। साथ ही इसे राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में विकसित किया जा रहा था। लेकिन डबल इंजन सरकार में सड़क की बदहाल स्थिती हो गई है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि कई बार सरकार को इस सड़क की महत्ता बताई जा चुकी है। लेकिन इसके बाद भी बदहाल सड़क को दुरस्त नहीं किया गया। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जरूरत पड़ी तो सड़क के लिए आंदोलन भी किया जाएगा। इस दौरान वाहनों को रोके जाने के ऐलान पर मौके पर पुलिस फोर्स भी तैनात रही।
पूर्व सीएम हरीश रावत बुधवार को करीब पौने एक बजे रामनगर-भतरौजखान, रानीखेत राजमार्ग पर स्वौराल क्षेत्र पहुंचे। इस दौरान कांग्रेसियों ने डबल इंजन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बरसाती पानी से भरे सड़क के गड्ढों के पास ही हरदा ने समर्थकों के साथ धरना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि यह सड़क रामनगर को पर्यटक नगरी रानीखेत से जाेड़ती है। आपदाकाल में जब अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे बंद हो जाता है तो रामनगर रानीखेत रोड संकटमोचक का काम करती है। मगर मौजूदा डबल इंजन सरकार में पर्यटन के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण सड़क खस्ताहाल है। गड्ढों पर हिचकोले राजमार्ग की दुर्दशा व उपेक्षा की कहानी बताते हैं। मगर सरकार को जैसे कोई लेनादेना नहीं है। धरना जारी है। इस दौरान पुष्कर दुर्गापाल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य नारायण सिंह रावत, महासचिव पूर्व सैनिक कल्याण प्रकोष्ठ घनानंद शर्मा, गोविंद सिंह नेगी, मुमताज, मोहन फत्र्याल, कुलदीप दुर्गापाल, अर्जुन सिंह, अमित रावत आदि कांग्रेसी भी पूर्व सीएम के साथ धरने पर बैठे हैं।