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विदेशी सेब दिल्ली-मुम्बई को आ रहे रास
उत्तराखंड के नैनीताल जिले के ऊंचाई वाले इलाकों में बीते कुछ सालों में रोपी गई विदेशी सेब की प्रजातियों ने अब फल देना शुरू कर दिया है। इससे किसानों को बड़ा मुनाफा मिल रहा है। मंडी में विदेशी सेब की एक पेटी करीब 2100 रुपये तक बिक रही है, जोकि बाकी सेबों के मुकाबले करीब 800 रुपये प्रति पेटी ज्यादा है।
इन सेबों की मांग मेट्रो शहरों में सबसे ज्यादा है। इसलिए इन सेबों को सीधे दिल्ली, मुम्बई की मंडियों को भेजा जा रहा है। ब्लॉक धारी के सुन्दरखाल के बागवान सोबन सिंह बिष्ट के अनुसार इटली से मंगाई गई विदेशी सेब की किस्म सेनीको रेड की पहली फसल तैयार हो चुकी है। यह हाईडेन्सिटी और कम ऊंचाई पर उगने वाली प्रजाति है। मंडी में इसके काफी अच्छे दाम मिल रहे हैं।
मंडी में यह फिलहाल 2100 रुपये पेटी के हिसाब से बिक रहा है। सामान्यत: एक पेटी में 10 किलो सेब होते हैं। फुटकर बाजार में इसके दाम 200 रुपये प्रति किलो तक चल रहे हैं। यदि अच्छी मार्केटिंग की जाए तो बड़ी कंपनियां सीधे किसानों से यह सेब खरीद सकती हैं, जिससे किसानों को मुनाफा भी ज्यादा होगा।
इटली, हॉलैंड से मंगाए गए थे सेब: उद्यान विभाग की मदद से बीते कुछ सालों में नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर, रामगढ़, धारी आदि इलाकों में इटली, हॉलैंड व जर्मनी से लाकर सेबों की नई किस्मों को रोपा गया है। इसमें मुख्य रूप से स्काटर स्पर-2, गाला वैरायटी सेनीको रेड, ग्रेनी स्मिथ, रेड कॉन, रेड चीफ, रेड स्पर डेलीसस आदि प्रमुख हैं। रूट स्टॉक में एम 9, एम 106, एम 111 तकनीक से सेब के पौधे तैयार किये जाते हैं।
नैनीताल में बड़ी कंपनियां खुद के बगीचे बना रहीं
नैनीताल जिले के भीमताल, मुक्तेश्वर, धारी, रामगढ़ में कई बड़ी कंपनियों ने अपने खुद के सेब, आडू व अन्य फलों के बगीचे तैयार करने शुरू कर दिए हैं। जमीन को स्थानीय किसानों से किराये पर लेकर कंपनियां खुद अपना पैसा लगाकर यहां बाग तैयार कर रही हैं।
उद्यान विभाग काश्तकारों के लिए काफी काम कर रहा है। विदेशी सेब की किस्मों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। साथ ही बगीचा लगाने में भी मदद दी जा रही है। अब सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।
डॉ. नरेंद्र कुमार, जिला उद्यान अधिकारी
Gulabi Jagat
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