बर्फबारी से चारे का संकट, मवेशियों को पेट भरने के लिए चारा तक नसीब नहीं
अल्मोड़ा: उच्च हिमालयी क्षेत्रों में लगातार हो रही बर्फबारी इंसानों के साथ ही मवेशियों पर भी भारी पड़ रही है। मवेशियों को पेट भरने के लिए चारा तक नसीब नहीं हो रहा। मजबूरन पशुपालक माइग्रेशन के दौरान अपने लिए खरीदे राशन को मवेशियों को खिला रहे हैं।
माइग्रेशन में रह रहे लोगों का कहना है कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो उन्हें समय से पहले ही निचले इलाकों की रुख करना पड़ेगा। चीन सीमा पर बसे मिलम, लास्पा, बिल्जू, बुर्फू, तोला, घनघर आदि गांवों में इन दिनों 500 से अधिक लोग मवेशियों के साथ माइग्रेशन पर हैं।
छह माह निचले इलाकों में जीवन यापन कर यह लोग मवेशियों को लेकर उच्च हिमालयी क्षेत्रों की ओर माइग्रेशन करते हैं। लेकिन इस बार इन लोगों के लिए यहां जीवन यापन करना मुश्किल भरा साबित हो रहा। बीते एक महीने से इन गांवों में लगातार बर्फबारी हो रही है।
लोगों ने बताया कि वर्तमान में यहां दो से तीन फिट बर्फ जमा है, इसलिए सबसे अधिक दिक्कत मवेशियों के लिए चारा जुटाने में हो रही है। चारों और बर्फ के जमा होने के कारण ग्रामीण चारे की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मई में मिलत में दो फिट बर्फ जमा है। अगर इसी तरह बर्फबारी होती रही तो उन्हें मजबूरन समय से पहले नीचे की ओर रुख करना पड़ेगा।