उत्तराखंड

FIR हुई दर्ज, मांग करने वाला थानेदार फंसा

Admin4
21 July 2022 10:34 AM GMT
FIR हुई दर्ज, मांग करने वाला थानेदार फंसा
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नैनीताल. एक महिला ने जब एफआईआर पर कार्रवाई करने की बात कही, तो थानेदार ने शारीरिक संबंध बनाने के साथ ही 5 लाख रुपये की डिमांड रखी. अब नैनीताल पुलिस के मुखानी थाने में तैनात तत्कालीन थानेदार दीपक बिष्ट के खिलाफ इस मामले में कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज हुआ है. सरकार ने कोर्ट में बताया कि आरोपी दारोगा पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में दारोगा पर धमकी देने का आरोप भी है. बहरहाल अब इस मामले में कल शुक्रवार को फैसला आ सकता है.

करीब तीन महीने पहले एक पीड़ित महिला ने 26 अप्रैल को मुखानी थाने में तरुण साह के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाया था. पीड़िता ने कहा था, साह ने उनके साथ दुष्कर्म किया और मारने की धमकी दे रहा है. आपबीती सुनाते हुए पीड़िता ने बताया कि पति के बीमार होने पर हर हफ्ते तीन दिन डायलिसिस कराने के हालात के बीच साह ने मजबूरी का फायदा उठाकर जबरन उससे संबंध बनाए. इस पूरे मामले में हाईकोर्ट में तरुण साह की याचिका पर सुनवाई हुई, तो पीड़िता की तरफ से कोर्ट में दारोगा दीपक बिष्ट पर भी साह के दबाव में कार्रवाई न करने के आरोप लगाए गए.

ऐसे हुई जिरह, आरोप पर हैरान हुए जज

बिष्ट पर आरोप लगे कि उसने साह पर कार्रवाई करने के लिए पीड़िता से जबरन संबंध बनाने की डिमांड के साथ ही 5 लाख रुपये की घूस भी मांगी. यही नहीं, बिष्ट ने दूसरी पार्टी के वकील को भी देख लेने की धमकी दी. कोर्ट ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी थी. बुधवार सुबह सरकार ने कहा कि आरोपी दारोगा पर भी मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, लेकिन कोर्ट इस बात से संतुष्ट नहीं दिखी.

इधर, इस मामले में साह के वकील महेन्द्र पाल ने कहा कि पीड़िता ने साह पर गलत आरोप लगाए हैं क्योंकि 3-4 साल से इनके बीच फिजिकल रिलेशन थे, तो एफआईआर अब क्यों की गई. कोर्ट रूम में जज साहब इसे लेकर भी चिंता में दिखे कि कोई दारोगा किसी वकील को देख लेने की धमकी कैसे दे सकता है. बहरहाल, साह के वकील ने कोर्ट से 2 दिन का समय लिया, जिसके बाद कोर्ट ने 22 जुलाई को पहले केस के तौर पर इस मामले की सुनवाई तय की है. गौरतलब है कि साह एनएसयूआई के पूर्व नगर अध्यक्ष हैं.

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