और सख्त होगा वित्तीय प्रबंधन, सीएम धामी संभालेंगे कमान
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देहरादून न्यूज़: पूरे साल समय पर बजट जारी करने के तमाम निर्देश इस बार भी कारगर साबित नहीं हुए. वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी हफ्ते में विभिन्न विभागों के लिए 3600 करोड़ रुपये जारी किए गए. वित्त वर्ष 2022-23 के अंतिम दिन करीब एक हजार करोड़ रुपये की बजट स्वीकृतियां दी गईं. देर रात तक सरकारी विभागों के बजट जारी होते रहे. इसके लिए कोषागारों में देर रात तक कर्मचारी डटे रहे. सवाल ये है कि वित्त वर्ष के अंत में मिले इस बजट का विभाग उपयोग करेंगे तो कैसे?
बजट प्रबंधन के लिए सरकार ने इस बार सख्त रुख अपनाया था. सभी विभागों को समय पर वित्तीय स्वीकृतियों के प्रस्ताव देने के लिए कहा गया था. इस साल अंकुश तो लगा लेकिन फिर भी काफी मात्रा में बजट राशि अंतिम दिनों में ही जारी हो पाई. 25 मार्च से 300 करोड़ से लेकर 700 करोड़ रुपये के हिसाब से रोज बजट स्वीकृतियां जारी हुईं. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, देर से बजट जारी करने के पीछे कुछ तकनीकी वजह भी हैं. कुछ मदों में केंद्र सरकार से भी धन विलंब से मिला. जैसे समग्र शिक्षा अभियान में मार्च के अंत में केद्रांश प्राप्त हो पाया.
प्राइवेट स्कूलों की फीस का बजट शिक्षा विभाग ने शिक्षा का अधिकार कानून आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई कर रहे छात्रों की फीस के लिए 136 करोड़ रुपये जारी कर दिए.
वर्तमान में प्रदेश के तीन हजार से ज्यादा प्राइवेट स्कूलों में 90 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं आरटीई कोटे के तहत पहली से आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे हैं. सबसे ज्यादा 39-39 करोड़ रुपया देहरादून और यूएसनगर के लिए जारी किया गया है. एपीडी डॉ. मुकुल कुमार सती ने इसके आदेश जारी किए. उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि हर छात्र की फीस की प्रतिपूर्ति का भुगतान पूरी जांच पड़ताल और पारदर्शिता के बाद ही किया जाए. यदि किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई गई तो उसके लिए संबंधित उपशिक्षा अधिकारी, बीईओ, डीईओ और सीईओ की जिम्मेदारी तय की जाएगी. संपर्क करने पर वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि इस वर्ष बजट स्वीकृतियों में वित्त विभाग की भूमिका को कम किया गया है.