डॉ.सुशीला तिवारी अस्पताल में वित्त नियंत्रक ने बिलिंग घोटाले की जांच शुरू
नैनीताल: डॉ.सुशीला तिवारी अस्पताल में वित्त नियंत्रक ने बिलिंग घोटाले की जांच शुरू कर दी है। करीब एक लाख अस्सी हजार रसीदों की जांच की जाएगी। इसके साथ ही बिलिंग मामले से जुड़े सभी कर्मचारियों से एक एक-कर पूछताछ की जाएगी। शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह घपला करीब एक साल पहले शुरू हुआ। इसी के चलते बीते एक साल में हुई बिलिंग की करीब 1 लाख 80 हजार रसीदों को बारीकी से खंगाला जा रहा है। इससे पता लगेगा कि किस रसीद का पैसा एसटीएच के अकाउंट में गया और किस रसीद के पैसे का गबन किया गया। इन रसीदों की जांच के बाद ही सटीक जानकारी मिल पाएगी कि घोटाला कितने का है और कब से यह चल रहा था।
अधिकारी से लेकर कर्मचारी, सब से होगी पूछताछ एसटीएच में बिलिंग की प्रक्रिया से जो लोग भी जुड़े हैं, उन सब से एक-एक कर पूछताछ की जाएगी। मामले में जिम्मेदार लोगों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ भी की जाएगी। बिलिंग से जुड़े अकाउंट सेक्शन में भी जांच का यही तरीका अपनाया जाएगा। मुकदमा भी हो सकता है दर्ज एसटीएच में बिलिंग घोटाला सरकारी धन की हेराफेरी का मामला है, जिसे गंभीर अपराध की श्रेणी में माना गया है। मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है। इस संबंध में निर्णय जांच पूरी होने के बाद लिया जाएगा।
बिलिंग घोटाले के बाद अब एसटीएच प्रबंधन ई-बिलिंग की तैयारी में है। बिलिंग की मैनुअल व्यवस्था से ये घपला हुआ है।राज्य में सभी पांच सरकारी मेडिकल कॉलेजों में से हल्द्वानी को छोड़कर बाकी में ई-बिलिंग व्यवस्था है। हल्द्वानी में धीमे हॉस्पिटल इन्फारमेशन सिस्टम के कारण ई-बिलिंग के बजाय मैनुअल व्यवस्था है। अस्पताल की बिलिंग में लाखों रुपये के घपले का मामला सामने आ गया। इसमें कर्मचारियों ने केंद्रीय लैब व रेडियोलॉजी की जांच की लाखों रुपये की फीस मरीजों से वसूली, लेकिन इसे एसटीएच के खाते में जमा नहीं किया। साथ ही रसीद बुकें भी गायब कर दीं। जांच में एक महिला के घर से कई रसीद बुक बरामद हुई थीं। अब अस्पताल प्रबंधन ई-बिलिंग व्यवस्था शुरू करने की तैयारी में है।