काशीपुर: किसान की पुत्री पायल ने रांची में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय ओपन रेस वॉकिंग चैंपियनशिप में रजत पदक हासिल कर क्षेत्र का मान बढ़ाया है। वह लगातार दो स्वर्ण समेत आठ राष्ट्रीय पदक पाने के बाद भी सरकारी सेवा से वंचित है।
14-15 फरवरी तक रांची में 10वीं राष्ट्रीय ओपन रेस वॉकिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया। जिसमें ग्राम खरमासा निवासी राष्ट्रीय धावक पायल ने 35 किमी रेस वॉक में प्रतिभाग किया। पायल दौड़ की शुरुआत में शानदार तरीके से फर्राटा भरती रही, लेकिन अंतिम पड़ाव में किन्ही कारणों के चलते अपने प्रतिद्वंद्वी से एक कदम पीछे रह गई। पायल को 3 घंटा 5 मिनट 43 सेकेंड में दौड़ पूरी कर रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
पायल ने बताया कि कुछ दिन पूर्व ही टाइफाइड हुआ था। कमजोरी के कारण स्वर्ण पदक हासिल नहीं कर सकी है। उन्होंने बताया कि बीती 19-23 दिसंबर तक भुवनेश्वर में नॉर्थ एंड ईस्ट इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य, 15-19 अक्तूबर 2022 बेंगलुरु में राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स 35 किमी रेस वॉक में स्वर्ण, 4 अक्तूबर 2022 गुजरात में 35 किमी रेस वॉक में स्वर्ण जीत चुकी है। इससे पूर्व भी बेंगलुरू, रांची झारखंड, ओडिशा में कांस्य पदक जीत चुकी है।
राष्ट्रीय स्तर पर निरंतर 2 स्वर्ण, 2 रजत, 4 कांस्य पदक हासिल करने के बाद भी सरकारी सेवा का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पायल बताती हैं कि वह किसान परिवार से हैं। स्पोर्ट्स स्टेडियम स्थित साई एथलीट कोच चंदन नेगी से तीन वर्षों तक धावक बनने का प्रशिक्षण ले चुकी हैं। उनके बताए मार्ग पर चलकर अब तक 6 राष्ट्रीय पदक हासिल कर चुकी हैं। 13-16 मार्च तक होने वाली ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए बेंगलुरु में एथलीट प्रशिक्षण प्राप्त करेंगी। साई सेंटर प्रभारी ज्योति शाह, कोच सीएस नेगी, पिता मुन्नी लाल, माता सुमारी, बहन शांति, भाई शंकर ने पायल को बधाई दी।